हिंदू धर्म में एकादशी व्रत का विशेष महत्व है। वर्षभर में 24 एकादशियां आती हैं, जिनमें वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को मोहिनी एकादशी कहा जाता है। इस दिन भगवान विष्णु की उपासना से पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। यह दिन भगवान विष्णु के मोहिनी अवतार को समर्पित है, जो समुद्र मंथन के दौरान प्रकट हुए थे और देवताओं को अमृत पिलाया था. हिन्दू धर्म की मान्यता के अनुसार, एकादशी व्रत रखने जितना ही महत्वपूर्ण होता है उसका विधिपूर्वक पारण करना। आइए जानते हैं, इस बार मोहिनी एकादशी व्रत का पारण कब और कैसे करना है?
मोहिनी एकादशी का पारण मुहूर्त
इस वर्ष मोहिनी एकादशी व्रत 08 मई 2025 (गुरुवार) को रखा जा राह और व्रत का पारण 09 मई 2025 (शुक्रवार) को किया जाएगा। पंचांग के अनुसार, पारण का शुभ समय प्रातः 5:34 AM बजे से 8:16 AM बजे तक है। द्वादशी तिथि दोपहर 2:56 बजे समाप्त हो रही है, इसलिए पारण इसी अवधि में करना आवश्यक है।
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व्रत पारण की सही विधि
- द्वादशी तिथि के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठें और पवित्र स्नान करें।
- शुद्ध स्थान पर भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा करें, दीप जलाएं फूल, धूप और नैवेद्य अर्पित करें।
- भगवान को पंचामृत और पंजीरी का भोग लगाएं और भोग में तुलसी और अक्षत यानी चावल अवश्य रखें।
- पूजा के बाद अन्न, वस्त्र, दूध, फल आदि का दान जरूरतमंदों को करें।
- भोग अर्पण के बाद तुलसी दल और चावल से पारण करें। पारण के बाद चावल अवश्य खाएं।
- केवल सात्विक भोजन करें। इस दिन प्याज, लहसुन, मसूर दाल, बैंगन, साग और मूली से परहेज करें।
- यदि संभव हो तो ब्राह्मण को आमंत्रित कर भोजन कराएं।
पारण का ये नियम जरूर ध्यान रखें
व्रत का पारण द्वादशी तिथि में ही करें। सात्विक आहार लें और मन में पवित्रता बनाए रखें। ध्यान रखें कि पारण के बाद चावल (भात) अवश्य खाना चाहिए।
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