May 2024 Panchak: हिन्दू धर्म में एक खास परंपरा यह है कि किसी भी शुभ काम को शुरू करने से पहले शुभ मुहूर्त और योग जरूर देखते हैं। मान्यता है कि शुभ मुहूर्त में शुरू किए गए काम सफल होते हैं, जबकि अशुभ मुहूर्त या योग में शुरू हुआ काम बिगड़ जाता है, अनिष्ट और हानि होती है। विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश, दुकान ओपनिंग, किसी खास मकसद की यात्रा, विदाई आदि से पहले किसी जानकार पंडित या ज्योतिष से सलाह लिया जाता है। बहुत से लोग खुद भी पंचांग देखकर मुहूर्त और योग का पता लगाते है। कहने का मतलब यह है कि शुभ और अशुभ मुहूर्त के अनुसार कार्य आरंभ करने या न करने का निर्णय लिया जाता है। ‘पंचक’ (Panchak) या ‘पचका’ एक अशुभ योग है, जिसमें शुभ काम आरंभ नहीं किया जाता है। पंचक योग तब बनता है, जब चंद्रमा कुछ खास नक्षत्रों में गोचर करता है।
दोषरहित पंचक क्या है?
वैदिक पंचांग के अनुसार, कल यानि 2 मई (2 बजकर 32 मिनट) से पंचक शुरू हो रहा है, जो 6 मई (5 बजकर 43 मिनट) तक कायम रहेगा। पंडितों के अनुसार, इस पंचक को दोषरहित पंचक बता रहे हैं। पंचक पांच तरह के होते हैं, जिसका संबंध सप्ताह के दिन यानी ‘वार’ से है। बुधवार और गुरुवार से शुरू होने वाले पंचक को ‘दोषरहित पंचक’ (Dosharahit Panchak) कहा गया है। मान्यता है कि पंचक में कोई काम शुरू करने से या तो वह काम पूरा नहीं होता है या जबरदस्त हानि हो सकती है।
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दोषरहित पंचक में न करें ये काम
धार्मिक ग्रंथों में पंचक के दौरान कोई भी महत्वपूर्ण और शुभ काम करने के लिए मना किया गया है। कहा गया है कि यदि व्यक्ति जानते हुए पंचक में कोई काम शुरू करता है, वह अपने पैर कुल्हाड़ी मारने जैसा है। इसमें धन और जन दोनों की हानि हो सकती है। 2 मई से लगने वाले दोषरहित पंचक में भूल से भी नीचे बताए गए काम को न करें, वरना बाद में पछतावा होगा कि ये काम आखिर किया ही क्यों?
1. यदि मकान बनवा रहे हैं, तो मकान की छत की ढलाई न करें। छत में कुछ दोष उत्पन्न हो सकता है, जैसे- छत में कोई रिसाव, कमजोर होना, टेढ़ा होना आदि।
2. यदि फर्नीचर बनवा रहे हैं, तो इसके लिए नई लकड़ी मत खरीदें। यदि काम चालू है, तो उसे पुरानी लकड़ी से जारी रख सकते हैं।
3. दक्षिण दिशा में यात्रा न करें। दुर्घटना, अंग-भंग आदि हो सकते हैं।
4. विवाह, मुंडन, दुकान ओपनिंग आदि शुभ काम शुरू न करें।
5. अपने घर से बेटी की विदाई भूल से भी न करें। ऐसा करने से देवी लक्ष्मी रूठ जाती हैं और बेटी को भी ससुराल में कष्ट होता है।
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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।