Magh Mela 2026 Date: हर वर्ष शीत ऋतु में प्रयागराज की पावन भूमि पर एक ऐसा आध्यात्मिक उत्सव सजता है, जो साधना, सेवा और संस्कार का अनूठा संगम बन जाता है. माघ मेला 2026 भी इसी परंपरा को आगे बढ़ाने आ रहा है. गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम पर लगने वाले इस मेले को इस बार ‘महामाघ मेला’ भी कहा जा रहा है. हिन्दू धर्म में यह मेला श्रद्धालुओं के लिए आत्मशुद्धि और पुण्य अर्जन का विशेष अवसर माना जाता है. आइए जानते हैं, यह माघ मेला कब आरंभ हो रहा है, कब तक चलेगा और पुण्य-स्नान की मुख्य तिथियां कब-कब हैं?
8 किमी लंबा स्नान घाट
श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा के लिए इस बार लगभग 8 किलोमीटर लंबा अस्थायी स्नान घाट तैयार किया जा रहा है. गंगा और यमुना के किनारे बने इन घाटों पर बैरिकेटिंग की व्यवस्था होगी, ताकि कोई भी गहरे पानी की ओर न जा सके. घाटों को मजबूत बनाने के लिए रेत से भरी सीमेंट बोरियों का प्रयोग किया जा रहा है. इससे संगम नोज पर भीड़ का दबाव कम होगा और स्नान व्यवस्था सुचारु बनी रहेगी.
कब से शुरू होगा माघ मेला 2026
प्रयागराज माघ मेला 3 जनवरी 2026 से संगम तट पर आरंभ होगा. इस वर्ष का मेला खास इसलिए भी है क्योंकि यह महाकुंभ 2025 के बाद पहला बड़ा धार्मिक आयोजन होगा. प्रशासन इसे मिनी कुंभ के स्वरूप में आयोजित कर रहा है. अनुमान है कि देश और विदेश से बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां पहुंचेंगे और संगम स्नान का पुण्य लाभ लेंगे.

माघ मेले का धार्मिक महत्व
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार माघ मास में संगम पर स्नान करने से जन्मों के पापों का क्षय होता है. यह समय साधना, जप, तप और दान के लिए अत्यंत श्रेष्ठ माना गया है. कहा जाता है कि माघ स्नान से ग्रह दोष शांत होते हैं और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है. संतों का सान्निध्य, प्रवचन और भजन वातावरण को आध्यात्मिक बना देते हैं.
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प्रमुख स्नान पर्व की तिथियां
साल 2026 का माघ मेल 3 जनवरी से आरंभ होकर 15 फरवरी तक चलेगा. इस 44 दिवसीय में पुण्य स्नान से लाभ उठाने के लिए 6 प्रमुख तिथियां पड़ रही हैं. इसे आप नीचे के टेबल में देख सकते हैं:
| महामाघ मेला 2026 के प्रमुख स्नान पर्व | ||
| स्नान पर्व | तिथि (2026) | महत्व |
| पौष पूर्णिमा | 3 जनवरी | मेला प्रारंभ |
| मकर संक्रांति | 14–15 जनवरी | सूर्य उत्तरायण होंगे। |
| मौनी अमावस्या | 18 जनवरी | सबसे पवित्र स्नान दिवस |
| बसंत पंचमी | 23 जनवरी | विद्यारंभ और सरस्वती पूजा |
| माघी पूर्णिमा | 1 फरवरी | कल्पवास पूर्ण |
| महाशिवरात्रि | 15 फरवरी | मेला समापन |
संगम स्नान के स्वास्थ्य लाभ
माघ मास की ठंडी सुबह में गंगा स्नान को स्वास्थ्य के लिए भी उपयोगी माना जाता है. मान्यता है कि संगम का जल हिमालय से आने वाली प्राकृतिक औषधियों से युक्त होता है. इससे शरीर में स्फूर्ति आती है, त्वचा को लाभ मिलता है और मन को गहरी शांति का अनुभव होता है. नियमित स्नान और संयमित जीवन शैली मानसिक तनाव को कम करने में सहायक मानी जाती है.
श्रद्धालुओं के लिए उपयोगी सुझाव
माघ मेले में आने वाले श्रद्धालुओं को गर्म वस्त्र, पहचान पत्र और आवश्यक दवाएं साथ रखनी चाहिए. स्नान के समय प्रशासन के निर्देशों का पालन करना जरूरी है. दान, सेवा और संयम के साथ किया गया यह तीर्थ प्रवास जीवन को नई दिशा देने का अनुभव बन सकता है.
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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।










