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Religion

उज्जैन के इस मंदिर में मांगते हैं ‘मौत का वरदान’, धर्मराज और चित्रगुप्त देवता की होती है पूजा

Shree Dharmraj Chitragupta Mandir: उज्जैन की पावन भूमि में स्थित धर्मराज और चित्रगुप्त मंदिर न सिर्फ लोगों के लिए आस्था का केंद्र है बल्कि यहां की अनोखी परंपरा और चमत्कारी महिमा लोगों को अपनी और आकर्षित करती है। चलिए जानते हैं इसी मंदिर से जुड़ी रोचक मान्यताओं के बारे में।

Author Edited By : Nidhi Jain Updated: May 29, 2025 13:16
Shree dharmraj chitragupta mandir
यहां मृत्यु के देवता की होती है पूजा...

Madhya Pradesh, Ujjain Mandir: मध्य प्रदेश के उज्जैन को महाकाल की नगरी कहा जाता है। यहां के कण-कण में भगवान शिव की उपस्थिति का अहसास होता है। उज्जैन के शिप्रा नदी के तट पर स्थित एक ऐसा मंदिर है, जिसकी मान्यता सुनकर अधिकतर लोग चौंक जाते हैं। आमतौर पर मंदिरों में लोग अपनी लंबी उम्र, अच्छी सेहत, खुशी और समृद्धि के लिए पूजा-पाठ करते हैं लेकिन उज्जैन में एक ऐसा मंदिर भी है, जहां भक्त अपनी व अपने परिजनों की ‘मृत्यु’ की प्रार्थना करते हैं।

24 घंटे में पूरी होती है इच्छा

उज्जैन के रामघाट पर धर्मराज और चित्रगुप्त का एक मंदिर स्थित है। इसे भारत का एकमात्र ऐसा मंदिर माना जाता है, जहां भक्त मोक्ष या मृत्यु की कामना के साथ पूजा करते हैं। श्रद्धालुओं का मानना है कि यदि कोई व्यक्ति असहनीय शारीरिक पीड़ा में जीवन और मृत्यु के बीच संघर्ष कर रहा हो तो इस मंदिर में पूजा-अर्चना करने से या तो उसे चमत्कारिक रूप से स्वास्थ्य लाभ होता है या फिर 24 घंटे के भीतर शांतिपूर्ण मोक्ष की प्राप्ति हो जाती है।

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धर्मराज और चित्रगुप्त देवता की होती है पूजा

इस मंदिर में धर्मराज और चित्रगुप्त देवता की पूजा होती है। पूजा करने के बाद उन्हें घी का एक दीपक अर्पित किया जाता है। मान्यता है कि इस मंदिर में पूजा और दीपक जलाने से भक्त को धर्मराज और चित्रगुप्त देवता का आशीर्वाद मिलता है और अपनी परेशानी से मुक्ति मिल जाती है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इस मंदिर में नियमित पूजा-अर्चना की जाती है और रोजाना बड़ी संख्या में श्रद्धालुगण यहां आते हैं।

धर्मराज और चित्रगुप्त हिन्दू धर्म के ऐसे देवता हैं, जो मृत्यु के बाद आत्मा का लेखा-जोखा रखते हैं। धर्मराज को मृत्यु का देवता माना जाता है, जो यमराज के पुत्र हैं। जबकि चित्रगुप्त यमराज के सहायक हैं, जो सभी जीवों के कर्मों का लेखा-जोखा करते हैं। यही कारण है कि इस मंदिर में मृत्यु की प्रार्थना भी एक तरह से मोक्ष की कामना मानी जाती है।

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First published on: May 29, 2025 01:16 PM

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