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Hindu Dharma: साल के अंतिम शनिवार को ऐसे करें हनुमान जी और शनिदेव की पूजा, सभी गलतियां हो जाएंगी माफ!

Hindu Dharma: 28 दिसंबर, 2024 को साल का अंतिम शनिवार है। यह दिन भगवान हनुमान और शनिदेव दोनों के लिए विशेष महत्व रखता है। दोनों देवताओं की संयुक्त पूजा से शनिदेव के प्रकोप से मुक्ति मिलती है। इन दोनों देवों की कृपा से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और पूरे साल की जानी-अनजानी गलतियों से माफी भी मिल जाती है। जानिए इनकी आसान पूजा विधि।

Edited By : Shyam Nandan | Updated: Dec 28, 2024 19:32
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Hindu Dharma: 28 दिसंबर, 2024 को इस साल का अंतिम शनिवार है। यह दिन भगवान हनुमान और कर्मफल के स्वामी शनिदेव को समर्पित है। इस खास दिन को इन देवों की पूजा का विधान है। यदि आपने पूरे साल इनकी पूजा अर्चना नहीं की है, तो आप इस तारीख को शाम में इन दोनों की पूजा कर अपने सौभाग्य और समृद्धि में वृद्धि कर सकते हैं। हनुमान जी हिंदू धर्म में एक सबसे प्रमुख देवता हैं, जो इस कलियुग में बेहद प्रभावशाली हैं। उन्हें बल, बुद्धि और भक्ति का प्रतीक माना जाता है। वे भगवान राम के परम भक्त थे और रामचरितमानस में उनकी अनेक गाथाएं मिलती हैं। वहीं भगवान शनिदेव को न्याय के देवता के रूप में जाना जाता है। वे कर्मफल के स्वामी भी हैं और हिंदू धर्म में बहुत महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं। शनिदेव की पूजा करने से जीवन में स्थिरता और समृद्धि आती है।

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भगवान हनुमान की पूजा

28 दिसंबर 2024, इस साल का अंतिम शनिवार भगवान हनुमान को समर्पित एक महत्वपूर्ण दिन है। हिंदू धर्म में शनिवार को हनुमान जी पूजा का विशेष महत्व है, खासकर जब यह साल का अंतिम शनिवार हो। यह दिन उन भक्तों के लिए एक सुनहरा अवसर है, जिन्होंने पूरे वर्ष इन देवताओं की पूजा नहीं की है।

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  • हनुमान जी को चोला चढ़ाएं और उनके समक्ष गुड़ और चने का प्रसाद अर्पित करें।
  • सुंदरकांड, हनुमान चालीसा या बजरंग बाण का पाठ करें।
  • लाल फूल उनके चरणों में रखकर दीपक जलाएं और उन्हें प्रणाम करें।

इस रोज शाम में विशेष पूजा करने से सौभाग्य, समृद्धि और शांति का आशीर्वाद मिलता है। हनुमान जी की पूजा करने से भय, संकट और नकारात्मक ऊर्जा से मुक्ति मिलती है। यह साल गुजार देने के लिए हनुमान जी को हृदय से धन्यवाद दें और जानी-अनजानी सभी प्रकार की गलतियों के लिए माफी मांग लें।

शनिदेव की पूजा

शाम के समय शनिदेव की पूजा करना अधिक शुभ माना जाता है, क्योंकि इस समय सूर्य अस्त हो जाते हैं और शनि का असर बढ़ जाता है। इस साल के अंतिम शनिवार को इस विशेष पूजा के माध्यम से आप अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं।

  • शाम के समय शनिदेव के मंदिर जाएं। सरसों के तेल का दीपक जलाएं और शनिदेव के चरणों में तेल अर्पित करें।
  • काले तिल, लोहे की कील या काले कपड़े का दान करें।
  • शनि मंत्र (ॐ शं शनैश्चराय नमः) का जाप करें।

दोनों देवताओं की संयुक्त पूजा से शनिदेव के प्रकोप से मुक्ति मिलती है और हनुमानजी की कृपा से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। इन दोनों की पूजा कर अपने सौभाग्य और समृद्धि में वृद्धि कर सकते हैं।

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

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Edited By

Shyam Nandan

First published on: Dec 28, 2024 04:42 PM

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