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सावन की पहली एकादशी, इन 5 उपायों से ‘हरि’ और ‘हर’ को एक साथ करें प्रसन्न, खत्म हो जाएंगे ग्रह दोष

Kamika Ekadashi: कामिका एकादशी सहित सभी एकादशियां भगवान विष्णु को समर्पित हैं। यह सावन मास की पहली एकादशी है। सावन में भगवान विष्णु के सो जाने से जगत्कल्याण का काम भगवान शिव के हाथों में होता है। इसलिए इस एकादशी का व्रत रखने और कुछ खास उपायों को करने से दोनों देवों की कृपा प्राप्त होती है।

Edited By : Shyam Nandan | Updated: Jul 31, 2024 08:03
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Kamika Ekadashi: सभी एकादशियों में कामिका एकादशी का विशेष महत्व है। देवशयनी एकादशी के दिन 4 महीने के लिए भगवान विष्णु के सो जाने के बाद यह न केवल पहली एकादशी है, बल्कि यह सावन की भी पहली एकादशी है। साल 2024 में यह पावन एकादशी 31 जुलाई को पड़ रही है। इस दिन से सावन शिवरात्रि के लिए कांवड़ यात्रा की शुरुआत भी होती है।

प्राप्त होती है ‘हरि’ और ‘हर’ की कृपा

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भगवान विष्णु के योगनिद्रा में चले जाने के बाद ब्रह्मांड की देखरेख भगवान शिव के हाथों में होती है। इसलिए सावन के पवित्र महीने की इस पहली एकादशी का व्रत रखने वाले साधक-साधिका को एक साथ ‘हरि’ यानी भगवान विष्णु और ‘हर’ यानी भगवान शंकर का आशीर्वाद प्राप्त होता है। इन दोनों देवों की कृपा से दुनिया का ऐसा कौन-सा काम है, जो नहीं हो सकता है, बस सच्ची लगन और निष्ठा से उन्हें प्रसन्न करने की जरूरत है।

इसलिए श्रेष्ठ मानी गई है कामिका एकादशी

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धार्मिक ग्रंथों अनुसार, इस एकादशी को करने का पुण्य पूर्वज और पितर को भी प्राप्त होते हैं। साथ ही, भगवान विष्णु, मां लक्ष्मी सहित भगवान शिव और मां पार्वती का भी आशीर्वाद प्राप्त होता है। मान्यता है कि यह व्रत रखने से ब्रह्महत्या जैसे पाप भी नष्ट हो जाते हैं और व्रत की कथा को सुनने मात्र से मनुष्य इस जीवन के बाद विष्णु लोक में स्थान पाता है।

कामिका एकादशी पर करें ये उपाय

  • सावन की इस पहली एकादशी के दिन रुद्राक्ष की माला धारण करने से शीघ्र ही सभी ग्रह दोष समाप्त हो जाते हैं।
  • पूजन के समय भगवान शिव की विधिवत पूजा के बाद उनको भभूत लगाएं और इसके बाद अपने मस्तक पर भी भभूत लगाएं। यह मानसिक एकाग्रता को बढ़ाता है और राहु के असर को समाप्त करता है।
  • भगवान शिव और भगवान विष्णु को एक साथ प्रसन्न करने के लिए बेल पत्र पर ‘ॐ श्री हरिः’ लिख कर कम से कम 5 बेल पत्र चढ़ाएं।
  • कामिका एकादशी के रोज भूखे व्यक्तियों, गरीबों और ब्राह्मणों को भोजन कराएं।
  • किसी जरूरतमंद की मदद करें। शीघ्र ही भगवत्कृपा से आपकी मनोकामनाएं पूरी होंगी।

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

 

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Edited By

Shyam Nandan

First published on: Jul 31, 2024 08:03 AM

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