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Kaalchakra: कब-कहां और कैसे, शनि की साढ़ेसाती का पड़ता है जीवन पर प्रभाव? जानें पंडित सुरेश पांडेय से

प्रत्येक व्यक्ति को अपने जीवन में कभी न कभी शनि की साढ़ेसाती का सामना करना पड़ता है, जिसका अशुभ प्रभाव करीब साढ़े सात साल तक रहता है। चलिए पंडित सुरेश पांडेय से जानते हैं शनि की साढ़ेसाती से जुड़ी जरूरी बातों के बारे में।

Author Edited By : Nidhi Jain Updated: Mar 27, 2025 10:47
Kaalchakra Today News24

नवग्रहों में से एक शनि का शास्त्रों में खास महत्व है। शनि को तमोगुणी, क्रूर, दयाहीन, लंबे नाखून, रूखे-सूखे बालों वाला, अधोमुखी, मंद गति वाला और एक आलसी ग्रह माना जाता है। ये एक दुर्बल ग्रह है, जिसकी आंखें अंदर की ओर धंसी हुई होती हैं। जहां गुरु को सुख का कारक माना जाता है। वहीं दुख का कारण शनि देव हैं। शनि स्नायु और वात का कारक ग्रह हैं। नसों और नाड़ियों में वात का संचरण शनि के द्वारा ही संचालित होता है।

हालांकि शनि के अशुभ होने पर शरीरगत वायु का क्रम टूट जाता है। माना जाता है कि अशुभ शनि जिस राशि, नक्षत्र को पीड़ित करता है, उसी अंग में वायु का संचार अनियंत्रित होने लगता है। शनि दोष के अलावा व्यक्ति को साढ़ेसाती और ढैय्या का भी सामना करना पड़ता है। आज के कालचक्र में पंडित सुरेश पांडेय आपको बताने जा रहे हैं कि इस समय किन तीन राशियों पर शनि की साढ़ेसाती चल रही है। साथ ही उससे होने वाले अशुभ प्रभावों के बारे में भी आपको जानने को मिलेगा।

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किन राशियों पर चल रही है साढ़ेसाती?

वैदिक पंचांग की गणना के अनुसार, शनि को 12 राशियों का भ्रमण करने में लगभग 30 साल लगते हैं। इस समय शनि देव कुंभ राशि में गोचर कर रहे हैं, जिसके कारण मकर, मीन और कुंभ राशि पर शनि की साढ़ेसाती चल रही है। जबकि शनि की ढैय्या कर्क और वृश्चिक राशि के जातकों के ऊपर चल रही है। साढ़ेसाती के 3 चरण होते हैं और हर चरण ढाई साल का होता है।

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शनि की साढ़ेसाती का प्रभाव

जिन लोगों के ऊपर शनि की साढ़ेसाती शुरू होती है, उन्हें छिपे हुए विरोधी या शत्रु कष्ट पहुंचाते हैं। यात्राएं बहुत होती हैं। लेकिन उनसे कोई लाभ नहीं मिल पाता है। शनि का सबसे पहले मानव मस्तिष्क पर प्रभाव पड़ता है। शनि हमेशा तनाव और देरी का कारण बनते हैं। लेकिन परिणाम जरूर देते हैं।

इस समय मीन राशि के जातकों के ऊपर शनि की साढ़ेसाती का पहला चरण चल रहा है। इस दौरान मीन राशि के जातकों को धैर्य रखना चाहिए और जल्दबाजी में फैसले लेने से बचना चाहिए। साढ़ेसाती का पहला चरण कड़ी मेहनत और सीखने का समय होता है। इसलिए जोखिमपूर्ण कार्य करने से बचें, क्योंकि रिस्क लेना हानिकारक हो सकता है।

शनि की साढ़ेसाती के पहले ढाई साल में आर्थिक हानि होने की संभावना ज्यादा है। व्यक्ति व्यर्थ के विवादों में फंस जाता है। फिजूलखर्च बहुत होता है। साथ काम करने वालों से संबंध बिगड़ते हैं। कार्यक्षेत्र में रुकावटें आती हैं। परिवार में भी मतभेद और क्लेश होते हैं। खर्चे अनियंत्रित हो जाते हैं। इस दौरान व्यक्ति के ऊपर कोई बड़ा आर्थिक संकट भी आता है। जबकि शनि की साढ़ेसाती के शुरुआती दस महीने तक दिमाग पर प्रभाव पड़ता है। हालांकि शनि का ये प्रभाव कम होता है और खतरनाक नहीं होता है। नियमित रूप से कुछ उपायों को करने से साढ़ेसाती के अशुभ प्रभाव से बचा जा सकता है।

यदि आप जानना चाहते हैं कि शनि की साढ़ेसाती के दूसरे और तीसरे चरण में व्यक्ति को किन-किन मामलों में सावधान रहना चाहिए, तो इसके लिए ऊपर दिए गए वीडियो को देख सकते हैं। 

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

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Edited By

Nidhi Jain

First published on: Mar 27, 2025 10:47 AM

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