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Kaalchakra: जन्म के साथ ही व्यक्ति पर चढ़ जाते हैं ये 4 कर्ज, पंडित सुरेश पांडेय से जानें चुकाने के उपाय

Kaalchakra Today: कुछ ऋण यानी कर्ज ऐसे होते हैं, जो जन्म से ही व्यक्ति पर चढ़ जाते हैं. यदि सही समय पर इन ऋण को चुकाया नहीं जाता है तो व्यक्ति कभी खुश नहीं रहता है. चलिए प्रश्न कुंडली विशेषज्ञ पंडित सुरेश पांडेय से जानते हैं कि कौन-कौन से ऋण व्यक्ति के ऊपर जन्म से ही चढ़ जाते हैं और उन्हें कैसे चुकाया जाता है.

Author Written By: Nidhi Jain Author Published By : Nidhi Jain Updated: Oct 7, 2025 10:49
Kaalchakra Today 7 October 2025
Credit- News 24 Gfx

Kaalchakra Today 7 October 2025: अधिकतर लोग ऋण यानी कर्ज लेने से दूर भागते हैं क्योंकि हर समय इन्हें चुकाने की टेंशन रहती है. हालांकि, कुछ कर्ज ऐसे भी होते हैं, जो जन्म के साथ ही हर एक व्यक्ति पर चढ़ जाते हैं. यदि सही समय पर व्यक्ति इन ऋण को चुकाता नहीं है तो उसे कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है. शास्त्रों में भी ऐसे ही पितृ ऋण, मातृ ऋण, ऋषि ऋण और देव ऋण के बारे में बताया गया है. इन चारों ऋण को चुकाना जरूरी होता है, नहीं तो व्यक्ति कभी खुश नहीं रहता है.

आज के कालचक्र में प्रश्न कुंडली विशेषज्ञ पंडित सुरेश पांडेय आपको बताने जा रहे हैं कि पितृ ऋण, मातृ ऋण, ऋषि ऋण और देव ऋण क्या होता है और इनके बारे में कैसे पता चलता है. साथ ही आपको इन कर्ज को चुकाने के उपायों के बारे में भी पता चलेगा.

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मातृ ऋण क्या होता है?

मातृ ऋण कुंडली में माता और मातृ पक्ष के प्रति किए गए बुरे कर्मों के कारण लगता है, जो कि मामा, नानी और मौसी की उपेक्षा में आता है. इसके अलावा मां का तिरस्कार करना भी मातृ ऋण में आता है.

मातृ ऋण के कारण होती हैं ये समस्याएं

  • मानसिक रूप से अशांत रहना
  • नींद न आना
  • आए-दिन मां से झगड़ा होना
  • बचपन में ही मां से अलग हो जाना
  • ननिहाल पक्ष से झगड़ा होना
  • मामा-मामी, मौसी या नानी से रिश्ते सही न रहना
  • परिवार की स्त्रियों को कष्ट मिलना
  • बार-बार गर्भपात होना
  • संतान का जन्म होते ही मृत्यु हो जाना

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मातृ ऋण से बचने के उपाय

  • मां की सेवा करें और उन्हें सम्मान दें.
  • सोमवार या अमावस्या को पीपल के पेड़ में जल दें और उसके पास दीपक जलाएं.
  • महिलाओं को कपड़े, भोजन या अपनी क्षमता के अनुसार दान करें.
  • रोजाना दुर्गा सप्तशती का पाठ करें.
  • चंद्रमा की शांति के लिए चंद्र गायत्री मंत्र या महामृत्युंजय का जाप करें.
  • सोमवार को सफेद कपड़े, चावल और चीनी का दान करें.
  • नियमित रूप से दुर्गा सप्तशती या ललिता सहस्रनाम का पाठ करें.

यदि आप अन्य पितृ ऋण, ऋषि ऋण और देव ऋण के संकेत, उपाय और समस्याओं आदि के बारे में जानना चाहते हैं तो उसके लिए ऊपर दिए गए वीडियो को देख सकते हैं.

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है. News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है.

First published on: Oct 07, 2025 10:48 AM

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