Kaalchakra News24 Today, Pandit Suresh Pandey: प्राचीन काल से हिंदू धर्म में पैर छूने की परंपरा चलती आ रही है। संत-महात्मा, गुरु व पुजारियों के शिष्य न केवल उनके पैर छूते हैं, बल्कि आदरपूर्वक दंडवत प्रणाम भी करते हैं। हालांकि आज के समय में पैर छूने का रिवाज कम होता जा रहा है। ज्यादातर लोग हाथ जोड़कर या मुंह से नमस्ते बोलकर लोगों का अभिवादन करते हैं। शास्त्रों के अनुसार, पैर छूने से व्यक्ति को बेहद फायदा होता है। इससे न सिर्फ कुंडली में ग्रहों की स्थिति मजबूत होती है, बल्कि पितृदोष से भी मुक्ति मिलती है।
आज के कालचक्र में पंडित सुरेश पांडेय आपको चरण स्पर्श यानी पैर छूने के लाभ के बारे में विस्तार से बताने जा रहे हैं। इसी के साथ आपको पैर छूने के सही तरीके के बारे में भी पता चलेगा।
पैर छूने से क्या होता है?
शरीर के चारों तरफ एक आभामंडल होता है। हर मनुष्य का आभामंडल अलग ऊर्जा और अलग रंग का होता है। पैर छूने से हम सामने वाले व्यक्ति के आभामंडल से अपने आभामंडल में इन ऊर्जाओं को ग्रहण करते हैं। जो हमारे मन और मस्तिष्क पर सकारात्मक प्रभाव डालती हैं। इससे हमारा आभामंडल और ऊर्जावान होता है, जिससे नकारात्मक ऊर्जा से मुक्ति मिलती है।
चरण स्पर्श करते समय हमेशा दोनों हाथों से दोनों पैरों के अंगूठों को छूना चाहिए, क्योंकि पैरों के अंगूठे में ही ये ऊर्जा भरपूर मात्रा में रहती है। इसके अलावा एक हाथ से पैर को कभी नहीं छूना चाहिए।
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पैर छूने के फायदे
- जब भी कोई हमारे पैर छूता है, तो उस समय भगवान का नाम लेने से पैर छूने वाले व्यक्ति को सकारात्मक फल मिलते हैं।
- आशीर्वाद देने से पैर छूने वाले व्यक्ति की समस्याएं खत्म होती हैं। इसी के साथ उम्र में बढ़ोतरी और नकारात्मक शक्तियों से मुक्ति मिलती है।
- जो लोग लक्ष्य की प्राप्ति को मन में रखकर बड़ों को प्रणाम करते हैं, उनको अपने लक्ष्य को पाने के लिए और बल मिलता है।
- जिस व्यक्ति के कर्म अच्छे नहीं होते हैं, उनके पैर नहीं छूने चाहिए। ऐसे व्यक्ति के पैर छूने से आभामंडल ऊर्जा कमजोर होती है।
- जब हम किसी व्यक्ति के पैर छूते हैं, तो उसके शरीर की सकारात्मक ऊर्जा हमारे शरीर पर अच्छा प्रभाव डालती है। इसलिए कहा जाता है कि रोजाना बड़े-बुजुर्गों के चरण स्पर्श करने से उम्र, विद्या, यश और शक्ति में बढ़ोतरी होती है।
- जिन लोगों की कुंडली में सूर्य कमजोर होता है, उनका रिश्ता पिता के साथ अच्छा नहीं रहता है। ऐसे में उन्हें रोजाना अपने पिता और बड़े-बुजुर्गों के पैर छूने चाहिए। इससे कुंडली में सूर्य की स्थिति मजबूत होगी, जिससे पिता संग संबंध मजबूत होगा।
- महिलाओं के पैर छूने से कुंडली में बुध की स्थिति मजबूत होती है।
- बड़े भाई-बहन के पैर छूने से मंगल की स्थिति मजबूत होती है।
- त्रयोदशी तिथि के दिन भगवान शिव या मां दुर्गा के पैर छूने से पितृदोष के नकारात्मक प्रभाव से मुक्ति मिलती है।
- जिन लोगों की कुंडली में शुक्र की स्थिति कमजोर होती है, उन्हें जीवन में सफलता नहीं मिलती है। ऐसे में रोजाना घर से निकलने से पहले उन्हें अपनी मां के पैर छूकर निकलना चाहिए।
चरण स्पर्श करने के अन्य लाभ और नियमों के बारे में यदि आप विस्तार से जानना चाहते हैं, तो इसके लिए ये वीडियो जरूर देखें।
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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।