Kaalchakra News24 Today, Pandit Suresh Pandey: आज छठ पूजा का तीसरा दिन है, जिसका आरंभ 5 नवंबर 2024 को नहाय खाय के साथ हुआ था। 6 नवंबर को खरना पूजा करके छठी मैया का आह्वान किया गया था। आज यानी छठ पूजा के तीसरे दिन डूबते हुए सूर्य को जल का अर्घ्य देकर सूर्य देव की उपासना की जाएगी। ये पूजा कार्तिक मास में आने वाली शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को की जाती है। इसलिए इसे ‘सूर्य षष्ठी पूजन’ भी कहा जाता है।
सूर्य षष्ठी पूजन को अंधेरे के बाद नए सवेरे के रूप उजाला और निराशा पर आशा का प्रतीक माना जाता है। हालांकि सूर्य को अर्घ्य देते समय कई बातों का ध्यान रखना चाहिए, नहीं तो पाप भी लग सकता है। आज के कालचक्र में पंडित सुरेश पांडेय आपको छठ पर संध्या अर्घ्य से जुड़े उपायों के बारे में बताने जा रहे हैं।
सूर्यास्त का सही समय क्या है?
मां कात्यायनी को छठी मइया का स्वरूप माना जाता है, जिन्हें भगवान सूर्य की बहन भी माना जाता है। छठ पूजा के दौरान छठी मइया और सूर्य देवता की उपासना की जाती है। छठी मइया संतान की रक्षा करती हैं, जिनकी पूजा से विवाह और करियर संबंधी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। साथ ही धन संपदा का आशीर्वाद मिलता है।
आज सूर्यास्त के समय डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा। आज शाम 5:32 मिनट पर सूर्यास्त होगा, जबकि कल यानी 8 नवंबर 2024 को सुबह 6:38 पर सूर्योदय होगा।
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छठ में सूर्य उपासना का महत्व
छठ पूजा में सूर्य उपासना करने से व्यक्ति को तत्काल फल मिलता है, जबकि अर्घ्य देने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। छठ पर्व में शाम को अर्घ्य देने से संतान की दीर्घायु का आशीर्वाद मिलता है, जबकि षष्ठी तिथि में डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य देने से मान-सम्मान में वृद्धि होती है। साथ ही जीवन में अपार सफलता मिलती है।
सप्तमी तिथि में सुबह का दिया अर्घ्य सूर्य की पत्नी उषा को दिया जाता है। सुबह के समय सूर्य की आराधना करने से रोगों से मुक्ति मिलती है, जबकि शाम के समय सूर्य उपासना करने से जीवन में संपन्नता आती है। साथ ही आंखों की रोशनी तेज होती है और रुके काम जल्द पूरे होते हैं।
छठ पर्व के उपाय
- छठ पर्व पर बरगद, आंवला या श्यामा तुलसी का एक पौधा लगाना चाहिए।
- कल सूर्य को अर्घ्य देने से पहले ऊं कं कामेश्वराय कं कामेश्वकी अन्नपूर्णा देव्यै नम: मंत्र का जाप करें।
- आज शाम को सूर्य को अर्घ्य देने के बाद लगाए गए पौधों के पास चौमुखी सरसों के तेल का दीपक जलाएं। साथ ही ऊँ घृणि सूर्याय नम: मंत्र का 7 बार जाप करें।
- पितृदोष, राहु-केतु और शनि दोष से मुक्ति पाने के लिए छठ पर्व में पूजा सामग्री में लौंग के 7 जोड़े रखें। ऊँ शं शनैश्चराय नम: मंत्र का जाप करके एक-एक जोड़ा लौंग अपने सूप में रखें।
छठ पूजा से जुड़े अन्य नियमों के बारे में यदि आप जानना चाहते हैं, तो इसके लिए ये वीडियो जरूर देखें।
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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।