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Kaalchakra: पीतल-चांदी या कांसे, किससे बनी गणेश प्रतिमा को करें स्थापित? पंडित सुरेश पांडेय से जानें

Kaalchakra Today: गणेश जी को बुद्धि, समृद्धि और शुभता का प्रतीक माना जाता है, जिनकी मूर्ति को घर में स्थापित करना शुभ होता है। चलिए पंडित सुरेश पांडेय से जानते हैं गणेश चतुर्थी के शुभ दिन पीतल, चांदी या कांसे, किससे बनी मूर्ति को घर में स्थापित करना शुभ रहेगा और क्यों।

Author Written By: Pandit Suresh Pandey Updated: Aug 26, 2025 11:53
Kaalchakra Today 26 August 2025
Credit- News24 Graphics

Kaalchakra Today 26 August 2025: गणेश चतुर्थी के दिन गणपति बप्पा का जन्मोत्सव मनाया जाता है। 10 दिनों तक मनाए जाने वाले इस उत्सव का आरंभ भाद्रपद माह की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी से होता है। आज दोपहर 1 बजकर 54 मिनट से चतुर्थी तिथि आरंभ हो जाएगी, जो कल दोपहर 3 बजकर 44 मिनट पर समाप्त होगी। उदया तिथि के आधार पर 27 अगस्त 2025, वार बुधवार को गणेश चतुर्थी का त्योहार मनाया जाएगा। वहीं, 6 सितंबर को गणेश विसर्जन होगा। गणेश चतुर्थी के दिन गणपति बप्पा की पूजा करने के साथ-साथ व्रत रखा जाता है। साथ ही भक्तजन गणपति बप्पा की सुंदर मूर्तियों को गाजे-बाजे के साथ अपने घरों में स्थापित करते हैं।

आज के कालचक्र में प्रश्न कुंडली विशेषज्ञ पंडित सुरेश पांडेय आपको बताने जा रहे हैं कि गणेश चतुर्थी पर किस-किस धातु की मूर्तियों को घर लाना शुभ होता है।

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गणेश स्थापना का शुभ मुहूर्त

गणेश चतुर्थी पर मध्यान्ह मुहूर्त सुबह 11 बजकर 5 मिनट से लेकर दोपहर 1 बजकर 40 मिनट तक रहेगा। इस बार गणेश चतुर्थी पर प्रीति योग, सर्वार्थ सिद्धि योग, रवि योग, इंद्र योग और ब्रह्मा योग का भी निर्माण हो रहा है।

कौन-सी प्रतिमा करें स्थापित?

  • पीतल के गणपति

पीतल को सूर्य ग्रह का प्रतिनिधि माना जाता है, जो कि ऊर्जा, शक्ति, अधिकार और नेतृत्व के दाता हैं। ऐसे में घर में पीतल की मूर्ति को स्थापित करने से सूर्य की सकारात्मक ऊर्जा आकर्षित होती है। आत्मविश्वास, साहस और उत्साह बढ़ता है। साथ ही घर के वास्तु दोष जैसे उत्तर-पूर्व दिशा का दोष और मुख्य द्वार की ऊर्जा असंतुलन में सुधार आता है। हालांकि पीतल से बनी धातु की प्रतिमा को बेडरूम में नहीं रखना चाहिए।

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बता दें कि पीतल में मंगल ग्रह की भी छवि होती है क्योंकि तांबा इसका प्रमुख घटक है, जो कि मंगल से संबंधित है। पीतल की गणेश प्रतिमा घर या कार्यस्थल में रखने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और कार्यों में सफलता मिलती है। पुराणों में भी पीतल को एक शुभ और शुद्ध धातु बताया गया है। पीतल की लक्ष्मी और गणेश प्रतिमा घर में रखने से आर्थिक उन्नति होती है।

  • कांसे के गणपति

देवी मूर्तियों के निर्माण में कांसे धातु को सर्वश्रेष्ठ माना गया है। कांसा ऊर्जा को ग्रहण और संचारित करने में सक्षम है। कांसा वही धातु है, जिससे घंटी और थाली बनती है। जिस घर में कांसे की गणेश प्रतिमा होती है, वो स्थान शुद्ध और पवित्र हो जाता है। कांसे की गणेश प्रतिमा को उत्तर-पूर्व दिशा में स्थापित करने से घर में शांति, समृद्धि और शुभता आती है। साथ ही एकाग्रता बढ़ती है। वहीं, पूजा घर में कांसे की गणेश प्रतिमा रखने से ध्यान शक्ति बढ़ती है।

यदि आप जानना चाहते हैं कि और किस धातु से बनी गणेश प्रतिमा को घर में स्थापित करना शुभ होता है तो इसके लिए ऊपर दिए गए वीडियो को देख सकते हैं।

ये भी पढ़ें- Ganesh Chaturthi 2025: गणेश चतुर्थी पर चंद्र दर्शन क्यों वर्जित है? जानें

डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

First published on: Aug 26, 2025 11:53 AM

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