Samudrik Shastra: हर इंसान की कुछ आदतें होती हैं, कुछ अच्छी और कुछ बुरी। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि आपकी चलने की आदत भी आपके भाग्य को प्रभावित कर सकती है? खासकर जब आप पैर घसीटकर चलते हैं, तो यह न सिर्फ स्वास्थ्य बल्कि ज्योतिष और सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार आपके जीवन पर भी नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।
क्या है पैर घसीट कर चलना?
पैर घसीटकर चलने का मतलब है, पैरों को पूरी तरह जमीन से उठाए बिना, धीरे-धीरे घसीटते हुए चलना। यह आदत आमतौर पर आलस्य, आदत, या किसी शारीरिक कमजोरी की वजह से होती है, जैसे मांसपेशियों की थकावट, नसों में कमजोरी, जोड़ों में दर्द आदि। लेकिन यह सिर्फ एक पुरानी लापरवाह आदत भी हो सकती है।
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क्यों अशुभ है ये आदत?
वैदिक ज्योतिष कहता है कि पैर में शनिदेव का वास होता है। पैर घसीटकर चलने से कुंडली में शनि कमजोर होते हैं और गंभीर शनि दोष उत्पन्न होता है। ज्योतिष और सामुद्रिकी शास्त्र के अनुसार, पैर घसीटकर चलने की आदत व्यक्ति की ऊर्जा को कमजोर करती है और नकारात्मक प्रभाव डालती है। इसलिए यह एक बेहद अशुभ आदत है।
क्या कहता है सामुद्रिक शास्त्र?
सामुद्रिक शास्त्र के मुताबिक, व्यक्ति की चाल, उसके स्वभाव और भाग्य की झलक देती है। पैर घसीटकर चलना व्यक्ति की नकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाता है। शरीर के अंदर मौजूद 7 चक्रों की ऊर्जा के संचार में बाधा डालता है। इससे स्वास्थ्य, मानसिक स्थिति और समृद्धि पर बुरा असर पड़ता है।
ये दो ग्रह होते हैं खराब
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, पैर घसीट कर चलने की आदत से किसी व्यक्ति के दो ग्रह, शनि और राहू, खराब हो जाते हैं। आपको बता दें, इस आदत से शनि आलस्य, धीमी चाल और अनुशासनहीनता को बढ़ावा देते हैं। वहीं, राहु भ्रम, चिंता और मानसिक असंतुलन में वृद्धि करते है।
आ सकती है कंगाली
इन दोनों ग्रहों के अशुभ प्रभाव से व्यक्ति को जीवन में रुकावटें, विफलताएं और आर्थिक परेशानी झेलनी पड़ सकती हैं। राहु विशेष रूप से व्यक्ति को कंगाली की ओर धकेल सकता है।
चलने की धमक का असर
यदि आपकी चाल में ज्यादा धमक या शोर होता है, चाहे वो जोर से पैर पटकने की हो या घसीटने की, तो यह भी जीवन में संघर्ष और असफलता का कारण बन सकती है। शांत, संतुलित चाल को भाग्यशाली माना गया है।
करें ये काम और उपाय
- सजगता से चलें: पैरों को उठाकर, संतुलित और सहज चाल अपनाएं।
- योग और व्यायाम करें: इससे शरीर में मजबूती आएगी और चाल में सुधार होगा।
- नियमित ध्यान करें: मानसिक संतुलन और ऊर्जा जागृति में मदद मिलेगी।
- राहु और शनि के उपाय करें: काली चीजों का दान, शनि की पूजा और राहु के मंत्रों का जाप करें।
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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।