Hanuman Mantra Benefits: हनुमान जी को शक्ति, साहस, सेवा और निष्ठा का प्रतीक माना जाता है. वे भगवान राम के परम भक्त और संकटमोचन कहलाते है. जीवन में जब भय, बाधा, असफलता, रोग या मानसिक तनाव बढ़ने लगता है, तब हनुमान मंत्र व्यक्ति को भीतर से मजबूत बनाते है. इन मंत्रों का प्रभाव केवल धार्मिक नहीं बल्कि मानसिक और आत्मिक स्तर पर भी अनुभव किया जाता है. नियमित जप से आत्मविश्वास बढ़ता है और नकारात्मकता कम होती है. आइए जानते हैं, हनुमान जी के ये मंत्र कौन-से हैं, जिनके जाप से तुरंत लाभ होता है?
मूल हनुमान साधना मंत्र
ॐ हनुमते नमः.
इस मंत्र का अर्थ है: बल, भक्ति और सेवा के स्वरूप हनुमान जी को श्रद्धापूर्वक नमन. यह मंत्र सरल होते हुए भी अत्यंत प्रभावशाली माना जाता है और हनुमान जी के स्वरूप का संपूर्ण स्मरण कराता है.
उपयोग: इस मंत्र का उपयोग दैनिक पूजा, मानसिक शांति और आत्मरक्षा के लिए किया जाता है. जो लोग भय, चिंता या अस्थिर मन से परेशान रहते है, उनके लिए इसका नियमित जप बहुत लाभकारी माना जाता है.
संकटमोचन मंत्र
ॐ नमो भगवते आंजनेयाय महाबलाय स्वाहा.
इस मंत्र का अर्थ है: महाबलशाली आंजनेय भगवान को प्रणाम. यह मंत्र हनुमान जी के संकटमोचन स्वरूप को जागृत करता है.
उपयोग: जब जीवन में अचानक संकट, बाधा या भय उत्पन्न हो, तब इस मंत्र का जप किया जाता है. नौकरी, व्यापार, पारिवारिक तनाव और अनिश्चित परिस्थितियों में यह मंत्र साहस और स्थिरता प्रदान करता है.
हनुमान गायत्री मंत्र
ॐ आंजनेयाय विद्महे वायुपुत्राय धीमहि. तन्नो हनुमत् प्रचोदयात्॥
इस मंत्र का अर्थ है: हम वायुपुत्र हनुमान का ध्यान करते है, वे हमारी बुद्धि को प्रेरणा और दिशा प्रदान करे.
उपयोग: यह मंत्र मानसिक शांति, एकाग्रता और आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए प्रयोग किया जाता है. विद्यार्थी, प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने वाले और ध्यान साधना करने वाले लोगों के लिए यह मंत्र विशेष रूप से उपयोग: ी है.
कार्य सिद्धि मंत्र
ॐ हं हनुमते रुद्रात्मकाय हुं फट्.
इस मंत्र का अर्थ है: रुद्र स्वरूप हनुमान जी हमारे सभी कार्यों को सिद्ध करे और बाधाओं को दूर करे.
उपयोग: जब कोई कार्य लंबे समय से अटका हो या बार-बार प्रयास के बाद भी सफलता न मिल रही हो, तब इस मंत्र का जप किया जाता है. यह साहस, निर्णय शक्ति और आत्मबल को मजबूत करता है.
मनोकामना पूर्ति मंत्र
मर्कटेश महोत्साह सर्वशोक विनाशन.
शत्रून संहर मां रक्षा श्रियं दापय मे प्रभो॥
इस मंत्र का अर्थ है: दुखों का नाश करने वाले प्रभु मेरे शत्रुओं का विनाश करे, मेरी रक्षा करे और मुझे समृद्धि प्रदान करे.
उपयोग: इस मंत्र का उपयोग मनोकामना पूर्ति, नकारात्मक प्रभावों से रक्षा और जीवन में स्थिरता के लिए किया जाता है. श्रद्धा के साथ जप करने पर मानसिक संतुलन बढ़ता है.
अष्टमुखी हनुमान मंत्र
ॐ नमो हनुमते उर्ध्वमुखाय हयग्रीवाय रुं रुं रुं रुं रुं रूद्रमूर्तये प्रयोजन निर्वाहकाय स्वाहा.
इस मंत्र का अर्थ है: अनेक स्वरूपों में कार्य सिद्ध करने वाले और रुद्र शक्ति से युक्त हनुमान जी को नमन.
उपयोग: यह मंत्र विशेष साधना, भय नाश और आध्यात्मिक सुरक्षा के लिए प्रयोग किया जाता है. कठिन परिस्थितियों में यह आंतरिक शक्ति को जागृत करता है.
रामदूत आराधना मंत्र
ॐ रामदूताय नमः.
इस मंत्र का अर्थ है: : भगवान राम के दूत हनुमान जी को श्रद्धा से नमन.
उपयोग: यह मंत्र भक्ति भावना को मजबूत करता है और व्यक्ति को धर्म तथा कर्तव्य के मार्ग पर स्थिर रखता है.
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ज्ञान और बुद्धि के लिए चालीसा का मंत्र
बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन कुमार.
बल बुद्धि विद्या देहु मोहि, हरहु कलेश विकार.
इस मंत्र का अर्थ है: हे पवनपुत्र, मुझे बल, बुद्धि और विद्या प्रदान करे तथा मेरे कष्टों को दूर करे.
उपयोग: यह मंत्र अध्ययन, स्मरण शक्ति और विवेक बढ़ाने में सहायक है. विद्यार्थी और बौद्धिक कार्य करने वाले लोग इसका नियमित पाठ करते है.
हनुमान चालीसा
हनुमान चालीसा का नियमित और संपूर्ण जाप, पाठ या श्रवण मन को स्थिर करता है और आत्मबल को बढ़ाता है. यह पाठ भय, रोग और नकारात्मक प्रभावों को कम करने में सहायक माना जाता है. हनुमान चालीसा भक्ति के साथ साहस और आत्मविश्वास का संचार करती है. मंगलवार और शनिवार को इसका पाठ विशेष फलदायी माना जाता है.
सुंदरकांड
सुंदरकांड के रामायण का सबसे शुभ और प्रभावशाली अध्याय है. संपूर्ण सुंदरकांड का जाप, पाठ या श्रवण जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने वाला माना जाता है. यह पाठ संकट, मानसिक तनाव और निराशा को दूर कर मन में आशा जगाता है. सुंदरकांड भक्ति, धैर्य और आत्मविश्वास को बढ़ाता है तथा कठिन समय में मार्गदर्शन प्रदान करता है. इसे श्रद्धा और एकाग्रता के साथ करने से विशेष लाभ मिलता है.
मंत्र जप की विधि
मंत्र जप से पहले स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करना चाहिए. मंगलवार और शनिवार को जप करना विशेष फलदायी माना गया है. इन मंत्रों को कम से कम 3, 5, 7, 9, 11 और 21 बार जपना चाहिए, लेकिन इन्हें 108 बार जप करने से मंत्र की पूर्णता मानी जाती है.
मंत्र जप के लाभ
हनुमान मंत्रों के नियमित जप से व्यक्ति को सुरक्षा और शक्ति की अनुभूति होती है. मानसिक और शारीरिक तनाव कम होता है, बुद्धि और विवेक में वृद्धि होती है तथा रुके हुए कार्यों में गति आती है. सच्ची श्रद्धा और अनुशासन के साथ किया गया जप जीवन को सकारात्मक दिशा प्रदान करता है.
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