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Lakshmi Ganesh Murti: आज दिवाली पर भूलकर भी न खरीदें लक्ष्मी-गणेश की ऐसी मूर्ति, मानी जाती है अशुभ

Lakshmi Ganesh Murti: दिवाली पर लक्ष्मी-गणेश की पूजा से घर में सुख-समृद्धि आती है, लेकिन मूर्तियों का चयन सावधानी से करना चाहिए। गलत स्वरूप या स्थिति वाली मूर्तियां अशुभ फल दे सकती हैं। आइए जानते हैं, मूर्ति खरीदते समय शास्त्रों की किन बातों का ध्यान रखना जरूरी है?

Author Written By: Shyamnandan Author Published By : Shyamnandan Updated: Oct 20, 2025 07:25
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Credit- Social Media

Lakshmi Ganesh Murti: आज 20 अक्टूबर को देशभर में दिवाली का पर्व मनाया जा रहा है। दिवाली पर माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा का विशेष महत्व होता है। मान्यता है कि इस दिन विधिवत पूजा करने से घर में समृद्धि, सुख और शांति आती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि अगर आप लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति गलत तरीके से या गलत स्वरूप में खरीद लें, तो इसका प्रभाव उल्टा भी हो सकता है? आइए जानते हैं, कौन-सी मूर्तियां अशुभ मानी जाती हैं और किन बातों का ध्यान रखकर ही लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति खरीदनी चाहिए?

मूर्तियों का चेहरा एक-दूसरे की ओर नहीं होना चाहिए

कई बार लोग ऐसी मूर्तियां खरीद लेते हैं जिनमें लक्ष्मी और गणेश एक-दूसरे की ओर देख रहे होते हैं। लेकिन ज्योतिष और वास्तु के अनुसार, ऐसी मूर्तियां शुभ नहीं मानी जातीं। दोनों देवी-देवताओं का चेहरा सामने की ओर होना चाहिए, जिससे उनका आशीर्वाद सीधा पूजक पर पड़े।

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खंडित या टूटी मूर्ति बिल्कुल न खरीदें

अक्सर लोग सुंदरता के चक्कर में अनजाने में थोड़ी-बहुत टूटी या खंडित मूर्ति खरीद लेते हैं। ध्यान रखें, खंडित मूर्ति को अशुभ और दरिद्रता लाने वाला माना गया है। मूर्ति का कोई भाग टूटा हो, चाहे वह छोटा ही क्यों न हो, उसे घर में रखना वर्जित है।

लक्ष्मी जी बैठी हों, खड़ी नहीं

दिवाली की पूजा के लिए लक्ष्मी जी का बैठा हुआ स्वरूप ही शुभ माना जाता है। खड़ी लक्ष्मी को चंचला लक्ष्मी कहा गया है, जो स्थायित्व नहीं देती। इसलिए घर में समृद्धि बनाए रखने के लिए बैठी लक्ष्मी की मूर्ति या तस्वीर ही खरीदें।

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हाथी के साथ लक्ष्मी जी का चित्र शुभ

अगर आप लक्ष्मी जी की मूर्ति या चित्र ले रहे हैं, तो ऐसा चित्र लें जिसमें हाथी उनके पास जल से अभिषेक कर रहे हों। यह “गजलक्ष्मी स्वरूप” कहलाता है और इसे अति शुभ माना गया है। यह सुख-समृद्धि और वैभव का प्रतीक होता है।

मूर्तियों का रंग भी रखता है महत्व

ध्यान रखें कि लक्ष्मी और गणेश की मूर्तियां साफ-सुथरे, चमकदार और शुद्ध रंगों में हों। बहुत गाढ़े या भड़काऊ रंगों से बचें। पीतल, चांदी, संगमरमर या मिट्टी की मूर्तियां शुभ मानी जाती हैं।

एक ही जोड़ी मूर्ति रखें, बार-बार न बदलें

हर साल नई मूर्ति लाने की परंपरा कुछ घरों में है, लेकिन ज्योतिष के अनुसार अगर आपकी पुरानी मूर्ति संपूर्ण और शुद्ध है, तो उसे बार-बार बदलना आवश्यक नहीं है। भावनाओं से जुड़ी मूर्तियों में शक्ति होती है।

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है और केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

First published on: Oct 10, 2025 01:01 PM

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