First & Last Roti: हिन्दू संस्कृति में रोटी सिर्फ भोजन नहीं, बल्कि भारतीय घरों की परंपरा का हिस्सा है. पुराने समय से ही रोटी बनाने के कुछ खास नियम माने जाते हैं, जिन्हें आज की पीढ़ी अक्सर भूल रही है. ये नियम सिर्फ आस्था से नहीं जुड़े, बल्कि घर की सकारात्मक ऊर्जा और सुख-समृद्धि से भी संबंध रखते हैं. आइए आसान और रोचक भाषा में जानें रोटी से जुड़े इन खास नियमों के पीछे छिपे कारण.
पहली रोटी का हकदार कौन?
भारतीय परंपरा में तवे की पहली रोटी गाय के लिए मानी गई है. माना जाता है कि गाय को पहले निवाला देने से घर में अन्न-धान्य की कभी कमी नहीं होती है. यह सिर्फ धार्मिक मान्यता नहीं, बल्कि पशु सेवा और प्रकृति के प्रति कृतज्ञता का प्रतीक भी है. गांवों में आज भी पहली रोटी का यह नियम पालन किया जाता है.
आखिरी रोटी किसे दी जाती है?
शास्त्रों में तवे की आखिरी रोटी कुत्ते को देने की परंपरा बताई गई है. मान्यता है कि कुत्ते को रोटी देने से घर की रक्षा होती है और नकारात्मक शक्तियां दूर रहती हैं. यह परंपरा समाज के उन जीवों की देखभाल का संदेश भी देती है, जो अपनी सुरक्षा के लिए इंसानों पर निर्भर होते हैं.
क्यों नहीं गिननी चाहिए रोटियां?
घर बुजुर्ग जैसे दादी, नानी, ताई हमेशा कहते है- ‘रोटियाँ कभी मत गिनो.’ इससे जुड़े मान्यता यह है कि रोटियों को गिनकर बनाना घर में कमी का संकेत होता है. यह माना जाता है कि गिनती करने से मन में तंगी का भाव आता है और यही ऊर्जा घर में भी फैलती है. बिना गिनती के रोटी बनाना ‘प्रसन्न मन से सेवा’ का प्रतीक माना गया है.
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आटे पर न छोड़ें उंगलियों के निशान
कई बार जल्दबाज़ी में आटे पर उंगलियों के दबे निशान रह जाते हैं. शास्त्र के अनुसार यह तर्पण के पिंड जैसा रूप ले लेता है, जिसे अशुभ माना जाता है. वैज्ञानिक नज़र से देखें तो यह आदत रोटी की गुणवत्ता भी बिगाड़ देती है. इसलिए आटा हमेशा चिकना और साफ-सुथरा होना चाहिए.
तवा उल्टा रखना है अशुभ
रोटी बनाने के बाद तवा उल्टा रख देना आम आदत है. परंतु शास्त्रों में इसे नकारात्मक ऊर्जा का कारण बताया गया है. तवा साफ करके सीधा ही रखा जाए, यह स्वच्छता और शांति का संकेत माना गया है.
गर्म तवे पर पानी डालने से खराब होते हैं ग्रह
गर्म तवे पर पानी डालना ज्योतिष के अनुसार अशुभ माना जाता है. इस शास्त्र के अनुसार, तवे का संबंध राहु ग्रह से और पानी का संबंध चंद्रमा से है. मान्यता है कि जब गर्म तवे पर पानी डालते हैं, तो इस टकराव से दोनों ग्रहों की स्थिति कमजोर हो सकती है.
थाली में 3 रोटियां परोसने की मनाही
शास्त्र के अनुसार एक प्लेट या थाली में 3 रोटियां रखना अशुभ माना जाता है. यह संख्या त्रिकाल या त्रिपिंड जैसी मानी जाती है, जो सामान्य जनजीवन का हिस्सा नहीं होता है. साथ ही, यह भोजन की सुंदरता भी बिगाड़ती है. इसलिए रोटी हमेशा दो या चार की सम संख्या में परोसना शुभ माना गया है.
आपको बता दें कि घर में बनी रोटी प्रेम, श्रम और आशीर्वाद का प्रतीक है और यह केवल भोजन नहीं, बल्कि ऊर्जा का चक्र है. पहली रोटी पशु सेवा की भावना जगाती है, आखिरी रोटी संरक्षण का संदेश देती है और बीच की रोटियाँ परिवार के पोषण की जिम्मेदारी निभाती हैं.
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है और केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।










