Pavitra Fal: भारत में नारियल को अत्यंत पवित्र फल माना जाता है. इसे हिंदू पूजा, हवन, शादी और जन्म-जन्मोत्सव जैसे शुभ अवसरों में अर्पित किया जाता है. नारियल को टूटते समय ‘शुभता और सकारात्मक ऊर्जा’ का प्रतीक माना जाता है. इसके साथ ही, कई मंदिरों में भी नारियल का विशेष स्थान है. इसे जल और दीपक के साथ अर्पित करना धार्मिक परंपरा का हिस्सा है. इसे श्रीफल कहा गया है. इसका धार्मिक महत्व कई कारणों से है:
त्रिमूर्ति का प्रतीक: नारियल को ब्रह्मा, विष्णु और महेश की त्रिमूर्ति का प्रतीक माना जाता है. इसलिए इसे अर्पित करने से भगवान की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में समृद्धि आती है.
मां लक्ष्मी का स्वरूप: नारियल को माता लक्ष्मी का प्रतिनिधित्व भी माना जाता है. इसे पूजा में अर्पित करने से धन, सौभाग्य और खुशहाली प्राप्त होती है.
त्रिनेत्र का प्रतीक: नारियल की सतह पर बनी 3 ‘आँखें’ भगवान शिव के त्रिनेत्र जैसी मानी जाती हैं. यह बुरी शक्तियों और नकारात्मक ऊर्जा से सुरक्षा का प्रतीक है.
अहंकार का त्याग और शुद्धता: नारियल को तोड़कर अर्पित करना अहंकार का त्याग और विनम्रता दर्शाता है. यह व्यक्ति को मानसिक और आत्मिक शुद्धता की ओर प्रेरित करता है.
समृद्धि और शुभता का प्रतीक: पूजा में नारियल का उपयोग समृद्धि, सौभाग्य और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा लाने के लिए किया जाता है. यही कारण है कि विवाह और गृह प्रवेश जैसी पारिवारिक परंपराओं में इसका उपयोग अनिवार्य माना जाता है.
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स्वास्थ्य और पोषण
नारियल केवल धार्मिक ही नहीं, बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी है. इसके दूध, पानी और गूदा पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं. इसमें आयरन, कॉपर, विटामिन, पोटैशियम और प्रोटीन जैसे महत्वपूर्ण पोषक तत्व पाए जाते हैं. नारियल का पानी शरीर को हाइड्रेट करता है और पाचन शक्ति को मजबूत बनाता है. इसके तेल का इस्तेमाल बालों और त्वचा की देखभाल में भी किया जाता है. यह प्राकृतिक मॉइस्चराइज़र की तरह काम करता है और स्किन को नमी प्रदान करता है.
मालदीव में नारियल का महत्व
क्या आप जानते हैं कि नारियल मालदीव का राष्ट्रीय फल भी है? यह देश का राष्ट्रीय पेड़ भी माना जाता है. मालदीव में नारियल लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी का हिस्सा है. यहाँ लोग नारियल का रस पीते हैं, इसके तने से रस्सी और सजावटी वस्तुएँ बनाते हैं और इसके पत्तों से छप्पर और बर्तन तैयार करते हैं. मछली पकड़ने के जाल में भी नारियल के तंतुओं का इस्तेमाल होता है. मालदीव का राष्ट्रीय चिन्ह भी नारियल के पेड़ के चित्र से सजाया गया है.
रोजमर्रा में उपयोग
नारियल केवल धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व ही नहीं रखता. यह खानपान, पेय पदार्थ और मिठाईयों में भी प्रयुक्त होता है. इसके तेल का इस्तेमाल खाना पकाने में होता है और स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी है. नारियल का पानी गर्मियों में शरीर को ठंडक पहुंचाता है और शरीर को हाइड्रेट रखता है.
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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।










