Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य, जिन्हें कौटिल्य या विष्णुगुप्त के नाम से भी जाना जाता है, प्राचीन भारत के एक महान शिक्षक, अर्थशास्त्री और राजनीति के रणनीतिज्ञ थे. उनकी लिखी हुई चाणक्य नीति और अर्थशास्त्र आज भी नीति, प्रशासन और जीवन के नैतिक मार्गदर्शन के लिए अमूल्य स्रोत माने जाते हैं. आचार्य चाणक्य ने अपने नीति शास्त्र में लिखा है कि गलत तरीकों से अर्जित धन कभी स्थायी नहीं होता. चाहे वह चोरी, धोखा या दूसरों का शोषण करके कमाया गया हो, इसका परिणाम हमेशा नकारात्मक होता है. चाणक्य नीति कहती है कि अन्याय से कमाया गया पैसा अधिकतम 10 साल तक टिक सकता है, उसके बाद इसका विनाश निश्चित है.
चोरी से कमाया धन
चोरी या झूठ बोलकर कमाया गया पैसा कभी लंबे समय तक इंसान के पास नहीं रहता. ऐसा धन अक्सर जरूरत के समय मदद नहीं करता. इसके अलावा, चोरी से कमाया धन आत्मा को भी अशांति देता है. इंसान भले ही थोड़ी देर खुश रहे, लेकिन भीतर से यह पैसे की वजह से कभी चैन नहीं देता है. यदि आप ईमानदारी से कमाते हैं, तो पैसा न केवल लंबे समय तक टिकता है बल्कि आपके घर और परिवार में भी बरकत आती है.
ये भी पढ़ें: Vastu Tips: शादीशुदा महिलाओं का इस दिशा में सोना है नुकसानदेह, जानें सेहत से जुड़े वास्तु नियम
धोखे से कमाया धन
धोखे और छल-प्रपंच से कमाया पैसा भी स्थिर नहीं रहता. घर में, कारोबार में या समाज में, ऐसे कमाए गए धन पर भरोसा नहीं किया जाता. कभी-कभी इंसान आर्थिक रूप से तो सफल दिखता है, लेकिन विश्वास और सम्मान खो बैठता है. धोखा देकर कमाई करने वाले लोग अक्सर मानसिक तनाव में रहते हैं. उनका धन सिर्फ बाहर से दिखाई देता है, लेकिन अंदर से खाली होता है.
दूसरों का शोषण करके कमाया धन
चाणक्य ने साफ कहा है कि दूसरों का शोषण करके कमाया गया धन न केवल नाशवान होता है बल्कि इंसान की नैतिकता और सम्मान को भी नुकसान पहुँचाता है. फैक्टरी या व्यवसाय के मालिकों के लिए यह खासकर महत्वपूर्ण है. आपको बता दें कि शोषण से अर्जित पैसा कभी जीवन में सच्ची सफलता नहीं लाता है.
ये भी पढ़ें: Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य से जानें जीवन की अहम सच्चाइयां, जन्म से पहले तय होती हैं ये 5 महत्वपूर्ण बातें
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है और केवल सूचना के लिए दी जा रही है. News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है.










