Chanakya Niti: चाणक्य के मुताबिक ज्ञान प्राप्त करने से कोई भी मनुष्य ज्ञानी नहीं हो जाता। कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो बड़े से बड़े पद पर होने के बाद भी हमेशा मूर्खों वाला काम करते हैं। ऐसे लोग पैसे तो कमा लेते हैं लेकिन समाज इनको हमेशा ही मूर्ख मानता है। चलिए जानते हैं 5 ऐसे ही लोगों के बारे में जो मूर्ख कहलाते हैं।
स्वयं को बुद्धिमान समझने वाला
चाणक्य कहते हैं कि जो व्यक्ति स्वयं को सबसे बुद्धिमान समझता हो, वह सबसे बड़ा मूर्ख माना जाता है। ऐसे लोग किसी के बात पर विश्वास नहीं करते। चाणक्य कहते हैं ऐसे लोगों को भूलकर भी कोई सलाह न दें क्योंकि ये सलाह देने पर आपको अपमानित ही करेंगे। ऐसे लोग नई चीज सीखने की कभी कोशिश नहीं करते .
दूसरे का अपमान करने वाला
चाणक्य कहते हैं कि जो पढ़-लिखकर भी अपनों से बड़े, छोटे या मित्रों का हमेशा अपमान करता हो वह भी मूर्ख ही कहा जाता है। ऐसे लोग हमेशा खुद को ही सबसे सम्मानित मानते हैं। चाणक्य कहते हैं जो लोग ऐसा करते हैं वो समाज में कभी सम्मान नहीं प्राप्त कर पाते।
अपनी तारीफ करने वाला
चाणक्य के मुताबिक जो व्यक्ति सभी के सामने स्वयं की ही प्रशंसा करता रहता हो वह भी मूर्ख ही कहलाता है। ऐसे लोग हमेशा अपने ही ज्ञान और धन की प्रशंसा में लगे रहते हैं। ऐसे लोगों में एक विशेष गुण होता है कि वह दूसरे की तारीफ न तो कर सकते हैं और न ही सुन सकते हैं।
बिना सोचे काम करने वाला
चाणक्य का मानना है कि जो व्यक्ति कोई भी काम बिना सोचे-समझे करता है वह हमेशा ही नुकसान उठाता है। ऐसे लोग काम शुरू करने से पहले उसके परिणाम के बारे में नहीं सोचते। ऐसे लोगों को हमेशा मूर्ख ही समझा जाता है।
खुद को ज्ञानी समझने वाला
चाणक्य कहते हैं समाज में कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो हमेशा खुद को सबसे बड़ा ज्ञानी समझते रहते हैं। ऐसे लोग किसी भी विषय पर ज्ञान देने से नहीं चुकते। ऐसे लोगों की गिनती हमेशा मूर्खों में ही की जाती है।
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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।