Bhai Dooj 2025: भाई-बहन के अटूट प्रेम और विश्वास का प्रतीक पर्व ‘भाई दूज’ हर साल नई उमंग और भावना के साथ मनाया जाता है. यह पावन दिन कार्तिक शुक्ल द्वितीया को आता है, जब बहनें अपने भाई की लंबी उम्र, सुख-समृद्धि और सुरक्षा के लिए तिलक लगाती हैं और विशेष पूजा-अर्चना करती हैं. मान्यता है कि इस दिन बहन के हाथों तिलक करवाने और उसके घर भोजन करने से भाई को अकाल मृत्यु नहीं होती है.
हालांकि बदलते समय और परिस्थितियों के कारण अब कई बार ऐसा होता है कि भाई किसी दूसरे शहर या देश में होता है और इस खास दिन पर बहन के पास नहीं आ पाता. ऐसे में मन में यह सवाल उठता है कि क्या बिना भाई के पास आए, पूजा अधूरी रह जाएगी? आइए ऐसे में जानते हैं कि जब भाई पास नहीं हो, तो भाई दूज कैसे मनाएं, कौन-से उपाय करने पूजा का संपूर्ण फल प्राप्त होगा.
जब भाई दूर हो, तो ऐसे करें पूजा?
सुबह तैयारी करें: सूरज निकलने से पहले उठें, स्नान करें और साफ कपड़े पहनें. पूजा की जगह को अच्छे से साफ करें.
भाई की जगह गोले रखें: जितने भाई हैं, उतने नारियल या गोले ले आएं. इसके लिए सुपारी भी उपयोग में लाया जाता है. उन्हें पीले कपड़े पर एक चौकी पर रखें.
तिलक और पूजा करें: गोले को गंगाजल मिले पानी से स्नान कराएं. रोली और अक्षत यानी सफेद अरवा चावल से तिलक करें. फूल चढ़ाएं और भाई का नाम लेकर प्रार्थना करें.
जल अर्पण और आरती: स्टील के गिलास या लोटे से जल अर्पित करें. आरती करें और गोले को पीले कपड़े से ढक दें.
यमराज से प्रार्थना: पूजा के अंत में यमराज से भाई की लंबी उम्र और जीवन की रक्षा की प्रार्थना करें.
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वीडियो कॉल करें
आज जमाना हाइटेक है. अब लगभग सभी लोगों के स्मार्ट फोन और इंटरनेट है. आप वीडियो कॉल पर भी तिलक कर सकती हैं, क्योंकि भाव जुड़ाव से ही पूजा सफल होती है.
पूजा के बाद क्या करें?
सही तरह से पूजा संपन्न होने के बाद गोले को शाम तक उसी जगह पर रखें. पूजा के अगले दिन उन्हें संभालकर रखें या अपने भाई को भेज दें. आपको बता दें कि पूजा के गोले काफी शुभ माने जाते हैं.
ये भी ध्यान में रखें
तिलक करने से पहले कुछ न खाएं. पूजा के समय भाई का नाम लें. भाई की पसंद का खाना बनाएं, भले वो साथ न हो. मन से की गई पूजा सबसे ज्यादा असर करती है.
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