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Anant Chaturdashi: 6 या 7 सितंबर, 2025 में कब है अनंत चतुर्दशी? जानें श्री हरि के अनन्त रूप की पूजा का महत्व

Anant Chaturdashi 2025: भगवान विष्णु के अनन्त रूप की पूजा के लिए अनंत चतुर्दशी के पर्व का खास महत्व है। इस दिन जहां कुछ व्रत रखते हैं, वहीं कई लोग सुबह-शाम विष्णु जी की पूजा करते हैं। हालांकि इस बार चतुर्दशी तिथि को लेकर कन्फ्यूजन बना हुआ है। आइए जानते हैं वर्ष 2025 में 6 सितंबर या 7 सितंबर, किस दिन अनंत चतुर्दशी का व्रत रखा जाएगा।

Author Written By: News24 हिंदी Author Published By : Nidhi Jain Updated: Aug 24, 2025 09:57
Anant Chaturdashi
Credit- Social Media

Anant Chaturdashi 2025: भगवान विष्णु के भक्तों के लिए अनंत चतुर्दशी के पर्व का खास महत्व है क्योंकि इस दिन श्री हरि के अनन्त रूप की पूजा की जाती है। इस दिन जहां कुछ लोग व्रत रखते हैं, वहीं कई जातक विष्णु जी की पूजा करते हैं और उन्हें उनकी प्रिय चीजों का भोग लगाते हैं। पूजा-पाठ के अलावा इस दिन अनन्त सूत्र बांधने की भी परंपरा है। भगवान विष्णु की पूजा के दौरान बांह में अनंत सूत्र बांधा जाता है, जिसमें 14 गांठें होती हैं। मान्यता है कि अनंत सूत्र में भगवान विष्णु का वास होता है, जबकि इन 14 गांठों को 14 लोकों से जोड़ा जाता है।

द्रिक पंचांग के अनुसार, हर साल अनंत चतुर्दशी का पर्व भाद्रपद माह में आने वाली शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि के दिन मनाया जाता है। आइए अब जानते हैं साल 2025 में किस दिन अनंत चतुर्दशी का पर्व मनाया जाएगा। साथ ही आपको पूजा का शुभ मुहूर्त और विधि के बारे में पता चलेगा।

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अनंत चतुर्दशी 2025 में कब है?

द्रिक पंचांग के अनुसार, इस बार 6 सितंबर की सुबह 3 बजकर 12 मिनट से लेकर 7 सितंबर की सुबह 1 बजकर 41 मिनट तक भाद्रपद माह की शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि रहेगी। ऐसे में 6 सितंबर 2025, वार शनिवार को अनंत चतुर्दशी का पर्व मनाया जाएगा। 6 सितंबर की सुबह 6 बजकर 2 मिनट से लेकर 7 सितंबर की सुबह 1 बजकर 41 मिनट तक अनंत चतुर्दशी की पूजा का शुभ मुहूर्त है। इस दौरान सुबह और शाम, दोनों समय आप विष्णु जी की पूजा कर सकते हैं। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन पूजा-पाठ करने से श्री हरि का विशेष आशीर्वाद मिलता है। साथ ही पाप नष्ट होते हैं।

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अनंत चतुर्दशी की पूजा विधि

  • सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि कार्य करने के बाद शुद्ध पीले या लाल रंग के कपड़े धारण करें।
  • भगवान विष्णु का ध्यान करते हुए व्रत का संकल्प लें।
  • घर के मंदिर में एक चौकी रखें। चौकी पर लाल रंग का शुद्ध कपड़ा बिछाकर कलश की स्थापना करें। कलश पर चंदन से अष्टदल कमल बनाएं और कुश का धागा बांधें।
  • विष्णु जी की मूर्ति या तस्वीर की स्थापना करें। साथ ही उन्हें 14 गांठों वाले अनंत सूत्र, अक्षत, गंध, फूल, धूप, दीप और नैवेद्य अर्पित करें।
  • अब घर के प्रत्येक सदस्य के बांह पर अनंत सूत्र बांधें।
  • अनंत चतुर्दशी के व्रत की कथा पढ़ें या सुनें।
  • विष्णु जी आरती करें।
  • शाम में फिर से विष्णु जी की पूजा करें।
  • दान करने के बाद शाम में ही आप व्रत का पारण कर सकते हैं।

जैन अनुयायी से जुड़ा है अनन्त चौदस का पर्व

देश के कई राज्यों में अनंत चतुर्दशी को अनन्त चौदस के नाम से जाना जाता है। खासकर जैन समाज के लोगों के लिए इस पर्व का खास महत्व है क्योंकि इसी दिन दसलक्षण पर्व का समापन होता है। इस दिन जैन अनुयायी भगवान वासुपूज्य की पूजा करते हैं और जुलूस व झांकियां निकालते हैं। वहीं, इस दिन गणेश उत्सव का भी समापन होता है।

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

First published on: Aug 24, 2025 09:56 AM

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