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Ahoi Ashtami 2025: 13 या 14 अक्टूबर, अहोई अष्टमी कब? जानें तिथि, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और चन्द्रोदय का समय

Ahoi Ashtami 2025 Vrat Date: हर साल कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को संतानवती महिलाओं द्वारा अहोई अष्टमी का व्रत रखा जाता है. हालांकि, इस बार अष्टमी तिथि को लेकर कन्फ्यूजन बना हुआ है. चलिए जानते हैं वर्ष 2025 में 13 अक्टूबर या 14 अक्टूबर, किस दिन अहोई अष्टमी का व्रत रखा जाएगा. साथ ही आपको अहोई अष्टमी की पूजा के मुहूर्त, विधि और वारण के समय आदि के बारे में पता चलेगा.

Author Written By: Nidhi Jain Author Published By : Nidhi Jain Updated: Sep 25, 2025 09:15
Ahoi Ashtami 2025
Credit- News24 Graphics

Ahoi Ashtami 2025 Vrat Date: संतानवती महिलाओं के लिए अहोई अष्टमी के व्रत का खास महत्व है, जिसे अहोई आठें के नाम से भी जाना जाता है. उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान और मध्यप्रदेश के कुछ शहरों में अहोई अष्टमी के व्रत को रखने की परंपरा है, जो कि चौथ के चार दिन बाद और दिवाली से आठ दिन पहले रखा जाता है. ये निर्जला व्रत माताओं द्वारा अपने पुत्रों के अच्छे स्वास्थ्य, उज्जवल भविष्य और सुखी जीवन के लिए रखा जाता है. हालांकि, बदलते दौर में पुत्रियों के लिए भी माताएं ये व्रत रख रही हैं.

इस व्रत का आरंभ सूर्योदय से होता है, जबकि पारण शाम में तारों का दर्शन और उन्हें अर्घ्य करने के पश्चात पानी पीकर किया जाता है. कुछ महिलाएं चन्द्रमा के दर्शन करने के पश्चात ये व्रत खोलती हैं. इसके अलावा इस दिन अहोई माता की पूजा भी की जाती है, जो मां पार्वती का ही एक अवतार हैं. चलिए जानते हैं साल 2025 में किस दिन अहोई अष्टमी का व्रत रखा जाएगा.

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अहोई अष्टमी 2025 में कब है?

द्रिक पंचांग के अनुसार, अहोई अष्टमी का व्रत हर साल संतानवती महिलाओं द्वारा कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रखा जाता है. इस बार 13 अक्टूबर 2025 की दोपहर 12 बजकर 24 मिनट से लेकर 14 अक्टूबर की सुबह 11 बजकर 9 मिनट तक कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि रहेगी. ऐसे में उदया तिथि के आधार पर इस बार 13 अक्टूबर 2025, वार सोमवार को अहोई अष्टमी का व्रत रखा जाएगा.

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अहोई अष्टमी की पूजा का शुभ मुहूर्त

  • सूर्योदय- प्रात: काल 06:36 पर
  • ब्रह्म मुहूर्त- प्रात: काल 04:57 से सुबह 05:46
  • अभिजित मुहूर्त- दोपहर 12:02 से दोपहर 12:49
  • संध्या मुहूर्त- शाम 06:16 से शाम 07:30
  • तारों को देखने का समय- शाम 06:38 पर
  • चन्द्रोदय- रात 11:54 पर

अहोई अष्टमी की पूजा विधि

  • ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान आदि कार्य करने के बाद लाल, गुलाबी या पीले रंग के कपड़े धारण करें.
  • घर के मंदिर की साफ-सफाई करें.
  • हाथ में जल या अक्षत लेकर निर्जला व्रत का संकल्प लें.
  • अहोई माता को भोग लगाने के लिए पूड़ी, हलवा, चने और मीठे गुलगुले बनाएं.
  • मंदिर में उत्तर या पूर्व दिशा में अहोई माता का चित्र बनाएं या तस्वीर स्थापित करें.
  • माता का रोली से तिलक करें.
  • साथ ही घर के प्रत्येक सदस्य को तिलक लगाएं और हाथ पर कच्चा सूत्र बांधें.
  • देसी घी का एक दीपक जलाएं.
  • अहोई माता को भोग अर्पित करें.
  • अहोई व्रत की कथा सुनें या पढ़ें.
  • रात को तारों या चंद्र देव को अर्घ्य अर्पित करके पानी पीकर व्रत का पारण करें.

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है. News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है.

First published on: Sep 25, 2025 09:15 AM

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