Manoj Jarange Patil communicating Maratha in Thane: मराठा आंदोलन का चेहरा बन चुके मनोज जरांगे पाटिल महाराष्ट्र के अलग-अलग जिलों का दौरा कर रहे हैं। उन्होंने अपने तीसरे चरण के दौरे की शुरुआत 15 नवंबर से की है। जरांगे पाटिल, मराठाओं के गढ़ में जाकर उनसे संवाद साध रहे हैं। इसी के साथ वह लोगों से 24 दिसंबर के लिए तैयार रहने की अपील कर रहे हैं। इसी कड़ी में मंगलवार के दिन मनोज जरांगे पाटिल ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के गढ़ ठाणे का दौरा किया और आरक्षण को लेकर हुंकार भरी। मुख्यमंत्री के शहर में जरांगे पाटिल के स्वागत के लिए हजारों की तादाद में मराठा सड़कों पर थे।
पाटिल पर जेसीबी से बरसाए फूल
ठाणे में हजारों की तादाद में मराठाओं ने मनोज पाटिल का स्वागत किया और जेसीबी से फूल बरसाए गए। मनोज पाटिल द्वारा आरक्षण को लेकर सरकार को दिए गए दूसरे अल्टीमेटम की डेडलाइन 24 दिसंबर को खत्म हो रही है। डेडलाइन से पहले पाटिल, समाज के लोगों से मुलाकात कर 24 तारीख के लिए तैयार रहने की अपील कर रहे हैं।। इसी सिलसिले में वह मंगलवार के दिन ठाणे पहुंचे।
आम्ही हुशार असतानाही लायकी नसलेल्यांच्या हाताखाली काम करण्याची वेळ मराठ्यांवर आली: मनोज जरांगे पाटील https://t.co/8GaiQiNRxi #ManojJarangePatil #MarathaReservation #marathaaarakshan
— Maharashtra Times (@mataonline) November 20, 2023
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‘शांति से आरक्षण चाहते हैं’
इस दौरान मनोज जरांगे पाटिल ने कहा कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे सिर्फ महाराष्ट्र के सीएम हैं, ठाणे के बाद में होंगे। पाटिल का कहना है कि जहां-जहां मराठा हैं, मैं वहां जरूर जाऊंगा, हम शांति से आरक्षण चाहते हैं। उन्होंने कहा, हमारी सभा होने के बाद धाराशिव में मामला दर्ज किया गया है, इससे कुछ नहीं होगा। हमारा आंदोलन रुकेगा नहीं। पाटिल ने आगे कहा कि हमारा पक्ष शांति का है, लेकिन जिस हिसाब से केस दर्ज किए जा रहे हैं, इससे तो यही लग रहा है सरकार माहौल बिगाड़ना चाहती है, लेकिन हम नहीं चाहते हैं मराठाओं और ओबीसी में संघर्ष बढ़े।
पाटिल ने रखीं शर्त
ठाणे में मराठाओं को संबोधित करते हुए मनोज जरांगे ने सीएम एकनाथ शिंदे को लेकर कहा, उनमें निर्णय लेने की क्षमता है, इन्होंने अगर मराठाओं को आरक्षण दे दिया तो वे उन्हें सिर पर लेकर नाचेंगे। उनका कहना है कि हमने सीएम का मान-सम्मान रखकर दो बार अनशन पीछे लिया है, लेकिन टाइम बॉन्ड और केस को लेकर उनका फ्लाइट टेक ऑफ नहीं कर रहा है। सीएम को चेताते हुए पाटिल ने कहा कि सबसे पहले मराठाओं को आरक्षण दो, दूसरा सभी दर्ज केस वापस लो, मेरे अंतरावली सराटी जाने से पहले टाइम बॉन्ड दो नहीं तो मैं अपनी भूमिका जाहिर कर दूंगा।
आरक्षण से एक ही व्यक्ति को दिक्कत
इतना ही नहीं मनोज पाटिल ने मंत्री भुजबल को भी ललकारा है। पाटिल ने कहा, मराठाओं का भला चाहता हूं इसके लिए शांत हूं, वो 20 दिन से बोल रहा है। उन्होंने कहा, एक मंत्री को छोड़कर सभी मंत्रियों से अपील है कि 24 तारीख से पहले मराठाओं को कुनबी से आरक्षण देकर सर्टिफिकेट दीजिए। पाटिल का कहना है कि मराठा आरक्षण का एक ही व्यक्ति विरोध कर रहा है, जिससे 6 करोड़ मराठा समाज को नाराज नहीं किया जा सकता है।
भुजबल का बयान नफरत फैलाने वाला
राज्य में एक तरफ जहां जरांगे ओबीसी कोटे से मराठाओं को आरक्षण देने के लिए राज्य सरकार पर दबाव बना रहे हैं तो OBC अपने कोटे में सेंधमारी का विरोध कर रहा है। हाल ही में जालना में ओबीसी के नेताओं ने आरक्षण बचाओ रैली का आयोजन किया था, जिसमें ओबीसी समाज के बड़े नेता शामिल हुए। सभा के जरिए छगन भुजबल ने जरांगे पाटिल की जमकर क्लास लगाई। ओबीसी समाज से अपील की है कि आरक्षण बचाने के लिए आंदोलन जारी रखना होगा। हालांकि, भुजबल के साथ मंच साझा करने वाले महाराष्ट्र कांग्रेस में ओबीसी चेहरा और नेता प्रतिपक्ष विजय वडेट्टीवार ने छगन भुजबल के बयान से किनारा कर लिया है। वडेट्टीवार ने कहा है कि छगन भुजबल का बयान, दो समाज में नफरत फैलाने वाला है, आगे से उनके साथ कोई भी मंच साझा नही करूंगा।
मनोज जरांगे पाटिल ने साफ कर दिया है कि वह ओबीसी से बैर नहीं रखना चाहते, उनका आंदोलन शांति से चल रहा है। विजय वडेट्टीवार के स्टैंड का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि 85 फीसदी लड़ाई जीत चुके हैं। 24 तारीख का इंतजार है, मराठाओं की बड़ी विजय देखना बाकि है।