---विज्ञापन---

Opinion

साहिब सिंह वर्मा DTC बस में जब गए थे घर, पढ़ें दिल्ली के पूर्व CM का दिलचस्प किस्सा

दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री साहिब सिंह वर्मा की आज 82वीं जयंती है। इस मौके पर आइए जानते हैं, उनके DTC बस में घर तक जाने का किस्सा, जिसके बाद वे काफी लोकप्रिय हो गए थे। इस किस्से का कनेक्शन उनके मुख्यमंत्री काल से है।

Author Edited By : Khushbu Goyal Updated: Mar 15, 2025 13:12
Sahib Singh Verma
Sahib Singh Verma

विवेक शुक्ला

Sahib Singh Verma News: दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री साहिब सिंह वर्मा आज अगर हमारे बीच होते तो उनका 82वां जन्मदिन मनाया जा रहा होता। साल 1996 में साहिब सिंह वर्मा दिल्ली के मुख्यमंत्री बने। उनके कार्यकाल में दिल्ली में विकास कार्यों को गति मिली। उन्होंने दिल्ली परिवहन निगम (DTC) में सीएनजी बसों को शामिल करने जैसे महत्वपूर्ण फैसले लिए, जिससे शहर में प्रदूषण को कम करने में मदद मिली। पहले तो DTC बसों से दिल्ली की फिजाओं में काला धुंआ फैलता था, लेकिन आज CNG चलित बसें शहर में दौड़ रही हैं, जो साहिब सिंह वर्मा की बदौलत संभव हुआ था, लेकिन कह जाता है कि उनकी दिल्ली के मुख्यमंत्री की कुर्सी प्याज के बढ़ते दामों के कारण चली गई थी और मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद वे DTC बस पकड़कर ही मुंडका स्थित अपने घर गए थे। इसके बाद उनकी लोकप्रियता काफी बढ़ गई थी।

---विज्ञापन---

 

यादगार मुख्यमंत्री कार्यकाल

साहिब सिंह वर्मा भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष और 13वीं लोकसभा के सांसद (1999–2004) थे। साहिब सिंह वर्मा मुख्यमंत्री से लेकर केन्द्रीय मंत्री बनने तक जनता के बीच ही रहे। वे जमीनी नेता थे और जनता के सुख-दुख के साथी थे। वे बहुत सहज और सरल स्वभाव के इंसान थे। साहिब सिंह वर्मा 1996 से 1998 तक दिल्ली के मुख्यमंत्री रहे, लेकिन उनका कार्यकाल कई कारणों से याद किया जाता है। उनके कार्यकाल में दिल्ली में सड़कों, पुलों और फ्लाईओवर का निर्माण कार्य तेज़ी से हुआ। इससे शहर में ट्रैफिक सिस्टम को सुधारने में मदद मिली। उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में भी कई सुधार किए, जैसे नए स्कूल खुलवाना और शिक्षकों की भर्ती करना। साहिब सिंह वर्मा ने गरीबों और वंचितों के लिए कई योजनाएं शुरू कीं, जैसे वृद्धावस्था पेंशन योजना और विधवा पेंशन योजना।

 

राजनीतिक करियर

साहिब सिंह वर्मा ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा गांव में ही ली। दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक की उपाधि ली। उन्होंने हिंदी साहित्य में MA और दर्शनशास्त्र में PHD भी की। उनकी शिक्षा ने उन्हें समाज और राजनीति को समझने में गहरी अंतर्दृष्टि प्रदान की। साहिब सिंह वर्मा का राजनीतिक जीवन जमीनी स्तर से शुरू हुआ। वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़े और धीरे-धीरे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में सक्रिय हो गए। उन्होंने दिल्ली में पार्टी को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वे साल 1999 में बाहरी दिल्ली सीट से लोकसभा के लिए चुने गए और अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में श्रम मंत्री बने। उन्होंने श्रम कानूनों में सुधार और श्रमिकों के कल्याण के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए। केन्द्रीय मंत्री के रूप में उनके दफ्तर के दरवाजे आम जन के लिए भी सदैव खुले रहते थे।

साहिब सिंह वर्मा हर इंसान की समस्या का हल खोजने की कोशिश करते थे। बाहरी दिल्ली से 1989 में लोकसभा का चुनाव जीतने वाले चौधरी तारीफ सिंह और साहिब सिह वर्मा अलग-अलग दलों में रहे। फिर भी चौधरी तारीफ सिंह कहते हैं कि उन्होंने ( साहिब सिंह वर्मा) भाजपा में कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया और पार्टी को मजबूत करने में अपना योगदान दिया। वे जननेता थे। लोकप्रिय नेता थे, जो अपनी सादगी, ईमानदारी और जनसेवा के प्रति समर्पण के लिए जाने जाते थे। उन्होंने दिल्ली के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया और आम आदमी के जीवन को बेहतर बनाने के लिए काम किया। वे कुशल प्रशासक और प्रभावशाली वक्ता थे।

 

नगर निगम चुनाव जीता

साहिब सिंह वर्मा को उनके राजनीतिक सफर में पहली बड़ी सफलता तब मिली, जब वे दिल्ली नगर निगम चुनाव जीते। बात 1977 की है और उस साल दिल्ली में नगर निगम तथा महानगर परिषद के चुनाव साथ-साथ हुए थे। साहिब सिंह वर्मा लॉरेंस रोड सीट से विजयी हुए थे। वे लॉरेंस रोड पर ही रहते थे और PGDAV कॉलेज में लाइब्रेयरियन थे। हालांकि वे मुंडका गांव से थे, लेकिन उन्हें राजनीति में भारतीय जनता पार्टी के प्रखर नेता ओम प्रकाश कोहली लेकर आए थे। साहिब सिंह वर्मा का सरनेम लाकड़ा था, पर वे लाकड़ा के स्थान पर वर्मा लिखने लगे थे। उनके छोटे भाई राजेन्द्र लाकड़ा भी सियासत में थे। वे अपन गांव के सरपंच भी रहे थे। यह जानकारी चौधरी तारीफ सिंह देते हैं। साहिब सिंह वर्मा का 30 जून 2007 को जयपुर-दिल्ली हाईवे पर एक हादसे में निधन हो गया था। उस समय वे सीकर जिला से नीम का थाना में एक विद्यालय की आधारशिला रखकर वापस दिल्ली आ रहे थे।

HISTORY

Edited By

Khushbu Goyal

First published on: Mar 15, 2025 12:45 PM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.

संबंधित खबरें