World Smile Day 2025: हर साल अक्टूबर के पहले शुक्रवार को वर्ल्ड स्माइल डे मनाया जाता है. इस दिन को मनाने का मकसद अपने आसपास के लोगों को मुस्कुराने (Smile) के लिए कहना, मुस्कुराने की एक वजह देना और मुस्कुराते रहने के लिए प्रोत्साहित करना है. कहते हैं अगर आप एक अजनबी को देखकर भी मुस्कुरा दें तो हो सकता है यह उसके साथ उस पूरे दिन में हुई एकलौती अच्छी चीज हो. इसीलिए मुस्कुराना और लोगों को मुस्कुराते रहने की वजह देना जरूरी है. ऐसे में आज इस स्माइल डे पर यहां आपके लिए कुछ ऐसे शेर (Smile Day Sher) और शायरी (Shayari) दिए गए हैं जिन्हें अगर आप किसी को भेजेंगे तो पढ़ने वाले के चेहरे पर प्यारी सी मुस्कुराहट आ जाएगी.
स्माइल डे पर भेजिए सभी को ये शेर | World Smile Day Quotes, Smile Sher
तुम हँसो तो दिन निकले चुप रहो तो रातें हैं
किस का ग़म कहाँ का ग़म सब फ़ुज़ूल बातें हैं
- अज्ञात
मुस्कुराहट है हुस्न का ज़ेवर
मुस्कुराना न भूल जाया करो
- अब्दुल हमीद अदम
ज़रा इक तबस्सुम की तकलीफ़ करना
कि गुलज़ार में फूल मुरझा रहे हैं
- अब्दुल हमीद अदम
दिल में तूफ़ान हो गया बरपा
तुम ने जब मुस्कुरा के देख लिया
- अज्ञात
धूप निकली है बारिशों के ब’अद
वो अभी रो के मुस्कुराए हैं
- अंजुम लुधियानवी
बुझ गई शम्अ की लौ तेरे दुपट्टे से तो क्या
अपनी मुस्कान से महफ़िल को मुनव्वर कर दे
सदा अम्बालवी
हँसी है दिल-लगी है क़हक़हे हैं
तुम्हारी अंजुमन का पूछना क्या
- मुबारक अज़ीमाबादी
जैसे पौ फट रही हो जंगल में
यूँ कोई मुस्कुराए जाता है
- अहमद मुश्ताक़
यूँ मुस्कुराए जान सी कलियों में पड़ गई
यूँ लब-कुशा हुए कि गुलिस्ताँ बना दिया
- असग़र गोंडवी
यूँ फूट रही है मुस्कुराहट की किरन
मंदिर में चराग़ झिलमिलाए जैसे
- फ़िराक़ गोरखपुरी
तुम्हारे होंटों पर आने वाली मुस्कुराहट
हमारी आँखों से इत्तिफ़ाक़ी मुलाक़ात कर ले
- सय्यद काशिफ़ रज़ा
उस के चेहरे की चमक के सामने सादा लगा
आसमाँ पे चाँद पूरा था मगर आधा लगा
- इफ़्तिख़ार नसीम
न पूछो हुस्न की तारीफ़ हम से
मोहब्बत जिस से हो बस वो हसीं है
- आदिल फ़ारूक़ी
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