Winter Health Tips: देश में सर्दियों की शुरुआत हो चुकी है। इन दिनों अधिकतर राज्यों में सुबह-शाम की ठंड और कोहरा रहने लगा है। सर्दियों के दिनों में हर किसी को अपनी सेहत का ख्याल रखना बहुत जरूरी होता है ताकि बीमार न हो जाए। वैसे तो मौसम बदलते के साथ ही, हमें अपनी सेहत पर फोकस रखना चाहिए, क्योंकि अमूमन लोगों को किसी भी मौसम के शुरुआती दिनों में ही लोग बीमार पड़ते हैं। वैसे तो अगहन का मौसम, जिसे मार्गशीर्ष का महीना भी कहा जाता है, इस महीने में खाने-पीने की कुछ चीजों से परहेज करने की सलाह दी जाती है। इसके पीछे धार्मिक कारण तो है ही, मगर स्वास्थ्य के लिहाज से भी इन चीजों को न खाने की सलाह दी जाती है। आइए जानते हैं ऐसे 5 फूड्स के बारे में।
इन 5 फूड्स को खाने से करें परहेज
1. प्याज
प्याज को तामसिक भोजन माना जाता है। इस कारण इसे खाने से मना किया जाता है। वहीं, प्याज एसिडिक नेचर का होता है, जो पेट में जाकर गैस, अपच, एसिडिटी जैसी समस्याओं को बढ़ा सकता है।
ये भी पढ़ें- इन तीन सस्ते फल से विटामिन बी-12 की कमी होगी पूरी
2. जीरा
जीरा खाने से भी पाचन खराब हो सकता है। साथ ही, जीरा खासतौर पर उन लोगों को तो बिल्कुल नहीं खाना चाहिए, जो बवासीर के मरीज हैं या पीरियड्स में हैवी ब्लीडिंग से परेशान रहती हैं। क्योंकि जीरा ब्लीडिंग को बढ़ाता है।
3. मसूर की दाल
इस दाल को भी आयुर्वेद और धार्मिक ग्रंथों में तामसिक भोजन माना गया है, इसलिए इस दाल के सेवन पर भी मनाही है। ऐसा इसलिए भी है क्योंकि यह दाल बदलते मौसम में इम्यूनिटी पर नेगेटिव प्रभाव डाल सकती है। इस महीने में मसूर की दाल खाने से हाई कोलेस्ट्रॉल की समस्या हो सकती है।
4. लहसुन
लहसुन एसिडिक नेचर का होता है और बहुत ज्यादा गर्म तासीर का होता है। वैसे तो सर्दियों में गर्म चीजें खाने की सलाह दी जाती है, लेकिन लहसुन का ज्यादा इनटेक फंगल इंफेक्शन को बढ़ावा दे सकता है।
5. बासी चीजें
जी हां, इस पूरे महीने में आपको बासी चीजों को भी खाने से परहेज करना चाहिए क्योंकि मौसम के बदलाव के चलते, सभी बासी फूड आइटम्स आपके शरीर के लिए फायदेमंद नहीं हो सकते हैं। इसके पीछे एक कारण यह भी है कि कई बार बचा हुआ या बासी भोजन शरीर के ताप को भी बढ़ा सकता है।
ये भी पढ़ें- विटामिन बी-12 की कमी की 5 बड़ी वजहें
Disclaimer: ऊपर दी गई जानकारी पर अमल करने से पहले विशेषज्ञों से राय अवश्य लें। News24 की ओर से जानकारी का दावा नहीं किया जा रहा है।