विटामिन डी हमारे शरीर को हेल्दी रखने के लिए बहुत जरूरी है। ये न केवल हड्डियों को मजबूत बनाता है, बल्कि हमारी इम्यूनिटी को भी बढ़ता है। शरीर में विटामिन डी की कमी होने पर कमजोरी, थकान और हड्डियों में दर्द जैसी समस्याएं हो सकती हैं। अक्सर लोग इस कमी को पूरा करने के लिए सप्लीमेंट्स का सहारा लेते हैं, लेकिन कुछ नेचुरल तरीके को अपनाते हुए शरीर में इसके लेवल को बढ़ाया जा सकता है। विटामिन डी के लेवल को बढ़ाने के लिए सबसे अच्छा तरीका है धूप में रहना। रोजाना सुबह की हल्की धूप में 10 से 15 मिनट तक रहने से हमारे शरीर को पर्याप्त विटामिन डी मिल सकता है। इसके अलावा, नाश्ते में कुछ चीजों को शामिल कर आप इस कमी को और जल्दी पूरा कर सकते हैं। आइए जानते हैं कि इसे लेकर एक्सपर्ट क्या कहते हैं?
क्या कहते हैं एक्सपर्ट?
डॉ. वी. के. मिश्रा बताते हैं कि विटामिन डी कैल्शियम को अब्जॉर्ब करने में मदद करता है। इससे आपकी हड्डियां मजबूत और हेल्दी बनी रहती हैं। ये आपके इम्यून सिस्टम को मजबूत बनता है इससे आप बीमारियों से बचे रहते हैं। साथ ही ये आपको डिप्रेशन से दूर रखने में मदद करता है। इसके अलावा बीपी को कंट्रोल करते हुए हार्ट को हेल्दी बनाता है। डॉक्टर बताते हैं कि इसके लेवल को आप कुछ नेचुरल तरीके से बढ़ा सकते हैं।
सुबह सूरज की रोशनी में रहना
शरीर में विटामिन डी की कमी तब पूरी होती है जब आपकी स्किन सूर्य की रोशनी के संपर्क में आती है, खास तौर पर UVB किरणें। कई लोग घर के अंदर लंबे समय तक काम करने या टैनिंग के डर के कारण सीधे सूर्य के संपर्क में आने से बचते हैं। सुबह 7 बजे से 10 बजे के बीच सिर्फ 15 से 30 मिनट तक धूप में रहना, जैसे कि हाथ, चेहरा या पैर, नेचुरल रूप से विटामिन डी की कमी को पूरा कर सकता है।
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विटामिन डी वाले फूड
डाइट एक छोटी लेकिन मददगार हो सकती है। इसमें विटामिन डी से भरपूर फूड शामिल हैं-
मछली, अंडे
फोर्टिफाइड डेयरी प्रोडक्ट, प्लांट बेस्ट दूध और मशरूम
इन फूड को हेल्दी फैट जैसे कि मेवे या जैतून के तेल के साथ मिलाने से विटामिन डी की कमी को पूरा करने में मदद मिल सकती है।
इनडोर और आउटडोर समय को बैलेंस करें
इनडोर लाइफस्टाइल विटामिन डी की कमी का कारण बन सकती है। बाहरी शारीरिक एक्टिविटी जैसे कि टहलना, बागवानी या साइकिल चलाना आदि के लिए समय निकालना आप को हेल्दी रखने में मदद करते है। साथ ही बाहर रहने से शरीर को धूप मिलती है और इससे विटामिन डी की कमी पूरी होती है।
सनस्क्रीन का इस्तेमाल
हानिकारक UV किरणों से बचाव के लिए सनस्क्रीन बहुत जरूरी है, लेकिन ज़्यादा इस्तेमाल, खासकर सुबह की धूप में विटामिन डी के लेवल को बढ़ाने के लिए जरूरी UVB किरणों को रोक सकता है। सुबह की धूप में कुछ समय के लिए सनस्क्रीन न लगाएं और उसके बाद सुरक्षा के लिए अन्य उपाय अपनाएं।
हेल्थ एक्सपर्ट की सलाह
विटामिन डी की कमी को अनदेखा कर दिया जाता है, क्योंकि इसके लक्षण थकान, कमजोरी, शरीर में दर्द को अन्य समस्याओं के रूप में समझा जाता है। नियमित जांच इसके लेवल को ट्रैक करने और यदि जरूरत हो तो सप्लीमेंट लेने में मदद कर सकती है। इसके लिए डॉक्टर की सलाह लेना बहुत जरूरी है।
विटामिन डी की कमी से होने वाली समस्याएं
हड्डियां कमजोर होना- विटामिन डी कैल्शियम को शरीर में अब्सॉर्ब करने में मदद करता है। इसकी कमी होने पर हड्डियां कमजोर हो जाती हैं। बच्चों में रिकेट्स और बड़ों में ऑस्टियोपोरोसिस हो सकता है।
थकान और कमजोरी- दिनभर थका हुआ महसूस होना भले ही आपने पर्याप्त नींद ली हो। ये विटामिन डी की कमी का एक संकेत हो सकता है।
मांसपेशियों में दर्द और कमजोरी- मांसपेशियों में अकड़न, खिंचाव, या सुस्ती बनी रहती है।
मूड स्विंग्स और डिप्रेशन- विटामिन डी की कमी मूड रेगुलेट करने वाले हार्मोन जैसे कि सेरोटोनिन पर असर डालता है। इसकी कमी से उदासी, चिड़चिड़ापन या डिप्रेशन जैसी स्थिति हो सकती है।
इम्यून सिस्टम की कमजोर होना- बार-बार सर्दी-जुकाम या इंफेक्शन होना इस बात का संकेत हो सकता है कि आपकी इम्यून सिस्टम कमजोर हो रहा है।
नींद की परेशानी- विटामिन डी की कमी नींद की गुणवत्ता पर असर डाल सकती है।
हड्डियों या जोड़ों में दर्द- विटामिन डी की कमी के कारण पीठ और घुटनों में दर्द रहना जब बिना किसी बड़ी वजह के लंबे समय तक दर्द बना रहे तो डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
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