Old And Traditional Food: भारत में खान-पान की परम्परा बहुत पुरानी है। लोग हमेशा से ही खाने-पीने के बड़े शौकिन रहे हैं। तरह-तरह के पकवान बनाना और उनको सजाकर परोसना यह इतिहास बहुत ही पुराना है। क्या आप सभी डिसों के नाम जानते है? जिन्होंने भारत में खान-पान की संस्कृति को बढ़ावा दिया है। आइए जानते है कुछ चुनिंदें पकवान।
फिरनी का स्वाद
फिरनी घरों में शुभ अवसरों पर बनाया जाता है। फिरनी एक गाढ़ा और मलाईदार हलवा है जो पिसे हुए चावल से बनाया जाता है। सबसे सरल और बेहतरीन फिरनी रेसिपी बनाने के लिए आपको केवल चावल, दूध, चीनी, मेवे और अपनी पसंद के स्वाद जैसे केसर या इलायची पाउडर या गुलाब जल की जरूरत होती है। जिसे धीमी आंच पर पकाना चाहिए।
खीर और फिरनी के बीच अंतर
प्रायः लोग फिरनी और खीर को एक ही डिस समझ लेते हैं। खीर साबुत चावल के दानों का उपयोग करके बनाई जाती है और फिरनी बनाने के लिए चावल को दरदरा पीसा जाता है। फिरनी खीर की तुलना में अधिक गाढ़ी और मलाईदार होती है। खीर को गर्म या ठंडा परोसा जा सकता है, लेकिन फिरनी हमेशा ठंडी ही परोसी जाती है।
शाही टुकड़ा
यह व्यंजन मुगल मूल का है। इसका आविष्कार हैदराबाद में हुआ था। शाही टुकड़ा डीप फ्राई ब्रेड्स से बनता है। इस डैजर्ट का उदय भी मुगल काल से ही माना जाता है। क्रिस्पी, वेल्वेट वाला शाही टुकड़ा डीप फ्राई ब्रेड्स से बनता है। सफेद ब्रेड को तेल/घी में तला जाता है, जिसके बाद दूध और चीनी डाली जाती है। इस रेसिपी पर केसर, लौंग और इलायची का उपयोग करके और भी स्वादिष्ट बनाया जाता है। इसका यूज ज्यादातर रमज़ान के महीने के दौरान किया जाता है।
बिरयानी
बिरयान का अर्थ है पकाने से पहले फ्राई किया जाना। बिरयानी
एक मिश्रित चावल का व्यंजन है। यह मसालों, सब्जियों, चावल और आमतौर पर कुछ प्रकार के मांस से बनाया जाता है। मामलों इसे कभी-कभी अंडे और आलू के साथ भी बनाया जाता है। बिरयानी ज्यादातर प्रोग्रामों में सर्व किया जाने वाला फूड है।
शरबत
शरबत को दुनिया का पहला शीतल पेय कहा जाता है। शरबत को बनाने के लिए साधारण रूप से चीनी सिरप का इस्तेमाल किया जाता है, जिसमें फलों की प्यूरी या जूस या कॉफी या चॉकलेट जैसे किसी अन्य स्वाद बढ़ाने वाले प्रोडक्ट्स को मिलाया जाता है, जिसे बाद में ठंडा किया जाता है। नार्मल शरबत फलों के रस,फूलों और जड़ी-बूटियों के अर्क को चीनी और पानी के साथ मिलाकर बनाया जाता है।
गुलाब का शरबत
सबसे पहले गुलाब की पंखुड़ियों का रस बनाने के लिए, गुलाब कि पंखुड़ियों, चुकन्दर का रस और नींबू के रस को मिलाया जाता है। इसे चाशनी में डालकर सारी चीजों को अच्छी तरह से मिलाकर शरबत को 4-5 घंटे तक ढक कर रख दिया जाता है।