Smriti Irani Menstruation News: हाल ही में केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने पेड पीरियड्स लीव को खारिज कर दिया क्योंकि उनका मानना है पीरियड कोई ‘बीमारी’ नहीं है। ईरानी ने इस बात पर जोर दिया था कि मंथली पीरियड का होना महिला के जीवन का एक हिस्सा है और ऐसे में किसी तरह की कोई पेड लीव दी जाए, ये जरूरी नहीं है।
इसके साथ ही अब केंद्रीय मंत्री के इस बयान पर बॉलीवुड एक्ट्रेस कंगना रनौत ने अपना ओपिनियन भी दिया है। कंगना आये दिन अपने इन धाकड़ मिजाज के चलते सुर्खियों में बनी रहती है लेकिन सवाल ये उठता है कि क्या जो स्मृति ईरानी ने बयान दिया है और कंगना ने उनका सपोर्ट किया है वह सही है या गलत? आइये जानते है लोगों की इसपर क्या राय है।
‘ये बात सच है की लड़कियों को हर महीने पीरियड्स होते हैं, लेकिन इसके साथ-साथ ये बात भी सच है कि उन्हें हर महीने होने वाले दर्द का सामना भी करना पड़ता है।’ केंद्रीय मंत्री स्मृति ने पीरियड्स पर एक बयान देकर समाज में नई बहस छेड़ दी है। उनका मानना है कि पीरियड्स के दौरान छुट्टी की जरूरत नहीं है। उनके इस बयान पर सोशल मीडिया में लोगों ने अपने अलग-अलग रिएक्शन दिए है।
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लोगों ने कहा- मेंस्ट्रुअल में पेड लीव मिलनी चाहिए
यूजर्स का कहना है कि स्मृति जी सच है कि पीरियड्स में महिलाएं अपाहिज नहीं होती हैं। लेकिन इस दौरान जो दर्द उन्हें झेलना पड़ता है, उससे शब्दों में बयां करना आसान नहीं है। कुछ का कहना है कि स्मृति ईरानी प्राइवेट कंपनियों के बॉस जैसी ही भाषा बोल रही हैं। डॉक्टर्स और रिसर्च जो ये कहते हैं कि महिलाएं पीरियड में हार्ट अटैक जैसा ही दर्द झेलती हैं। ऐसे में जरूरत पड़ने पर एक दिन का रेस्ट तो हर लड़की डिजर्व करती है।
पीरियड ही तो आया है, अपाहिज तो नहीं हुई। छुट्टी क्यों चाहिए। स्मृति ईरानी प्राइवेट कंपनियों के बॉस जैसी ही भाषा बोल रही हैं। डॉक्टर्स और रिसर्च जो ये कहते हैं कि महिलाएं पीरियड में हार्ट अटैक जैसा ही दर्द झेलती हैं उन सबसे ज्यादा काबिल हैं एक्स सीरियल हीरोइन स्मृति ईरानी। pic.twitter.com/qGakqWsD22
— Nivedita Shandilya (@Nivedita_Shan) December 13, 2023
स्मृति ईरानी का यह बयान महिलाओं के साथ-साथ विकलांग लोगों का भी अपमान है।
स्मृति ईरानी माफ़ी मांगे! https://t.co/gE73Jm8jAc
— Kanchana Yadav (@Kanchanyadav000) December 14, 2023
लोगों ने कहा- पीरियड्स के समय महिलाएं मानसिक और शारीरिक तनाव महसूस करती है लेकिन महिलाएं कमजोर नहीं है।
औरतों के लिए हर परेशानी बाधा है स्मृति ईरानी जी!
पीरियड के समय महिलाएं मानसिक और शारीरिक तनाव महसूस करती हैं!
इसलिए उनको पैड लीव होनी चाहिए नहीं तो आपके हिसाब से देखा जाए तो मंदिर में प्रवेश क्यों नहीं देते?
@smritiirani#SmritiIrani #Menstruation— DSP Yadav🇮🇳💙 (@DSPYadav50) December 15, 2023
लोगों ने ये भी कहा कि – समृति का ये बयान महिलाओं के साथ साथ विकलांग लोगों का भी अपमान है।
यहाँ छुट्टी की मनाही नहीं है बस पेड लीव की बात है जो कि उचित है। किसी भी कंपनी में अगर महीने में पाँच दिन पेड लीव दी जाएगी तो खामियाजा सह कर्मचारियों को भुगतना पड़ेगा।
महिलाओं के साथ लेट ऑवर प्रॉब्लम भी रहती है तो प्रोडक्टिविटी कैसे निकलेगी।
महिलाएं कमजोर नहीं हैं।— Rishabh Singh (मोदी का परिवार) (@YagyaAawahan) December 14, 2023
स्मृति ईरानी की सोशल मीडिया पर जमकर हो रही निंदा।
Most girls won't be comfortable with such leaves, declaring this to the entireoffice. You can take off a day or do wfh, why so entitled all the time? If you're in so much pain, you obv can't work. So why paid leaves? Shd guys get more wages for doing your work during those days?
— MadameGucci (@Thealbatross) December 14, 2023