Skin Care Tips: सचिन तेंदुलकर की बेटी सारा तेंदुलकर अपनी खूबसूरती को लेकर चर्चा में बनी रहती है। हाल ही में उन्होंने अपने फैंस के साथ अपनी खूबसूरती का राज शेयर किया। वोग इंडिया के साथ एक इंटरव्यू में सारा तेंदुलकर ने अपनी सुबह की रुटीन से लेकर अपनी त्वचा की देखभाल को लेकर खुलकर बात की। हालांकि, उनकी चमकती त्वचा की जर्नी इतनी आसान नहीं थी, क्योंकि किशोरावस्था के दौरान उन्हें पीसीओएस से जूझना पड़ा था, लेकिन अपनी मां अंजलि तेंदुलकर के सहयोग से, सही डाइट और वजन घटाने की तकनीकों को अपनाकर, वह इससे उबरने में सक्षम हो गईं। ये इस बात की भी याद दिलाता है कि एक हेल्दी डाइट शरीर से लेकर आपकी खूबसूरती को बढ़ाने के लिए अच्छा माना जाता है।
सारा के सुबह का रुटीन
सारा तेंदुलकर बताती हैं कि उन्होंने डिटॉक्स जूस के दौर से गुजर चुकी है, लेकिन मैं वास्तव में एक ही तरीका नहीं अपनाती। मैं अपनी सुबह की शुरुआत पानी, नट्स और एक कप ब्लैक कॉफी से करती हूं क्योंकि मुझे सुबह जल्दी उठकर एक्सरसाइज करना पसंद है। कॉफी से कोई समझौता नहीं किया जा सकता। अन्य दिनों में, यह मेरे शेड्यूल और मूड पर डिपेंड करता है। सारा के लिए सुबह के रुटीन में सिर्फ ब्लैक कॉफीपीना और हेल्दी नट्स खाना शामिल है, जो एक आसान तरीकी है। यह दिखाता है कि मजबूरी के बजाय मूड को बेहतर बनाना कितना जरूरी है, और सेहतमंद दिनचर्या को आदत बना लेना आपकी खूबसूरती को भी बढ़ाता है।
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क्या है रात का रुटीन?
उन्होंने कहा कहा कि मैं रात में एक्टिव करने वाली चीजों को इ बचती हूं, क्योंकि मेरी त्वचा सेंसटिव है। साथ ही अगर मैं रात में अपने चेहरे पर एसिड या रेटिनॉल लगाती हूं और अगले दिन धूप में रहती हूं, तो मेरी त्वचा में जलन होती है।
पीसीओएस से सारा का संघर्ष
सारा तेंदुलकर बचपन में पीसीओएस की वजह से मुंहासे और बालों के विकास की समस्याओं से जूझती रही, जिससे उसके आत्मसम्मान पर बहुत बुरा असर पड़ा। उसने बताया कि कैसे उसने पील्स और टॉपिकल्स जैसे विभिन्न उपचारों की कोशिश की, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। हालांकि, अपनी माँ अंजलि तेंदुलकर की मदद से, वह एक ऐसा रास्ता खोजने में सक्षम हुई जो कारगर रहा।
पीसीओएस की वजह से स्किन पर असर
सारा तेंदुलकर बचपन में पीसीओएस की वजह से मुंहासे और बालों के विकास की समस्याओं से जूझती रहीं, जिससे उसके आत्मसम्मान पर बहुत बुरा असर पड़ा। उसने बताया कि कैसे उसने पील्स और टॉपिकल्स जैसे कई तरह की इलाज करने की कोशिश की, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। हालांकि, अपनी मां अंजलि तेंदुलकर की मदद से, वह एक ऐसा रास्ता खोजने में सक्षम हुई जो कारगर रहा।
अंजलि तेंदुलकर ने कहा कि मैंने इसका इलाज मेडिकल तरीके से करने का फैसला किया, क्योंकि कुछ भी काम नहीं कर रहा था। सोनोग्राफी में सारा के ओवरीज में कई सिस्ट दिखे, इसलिए हम एक डॉक्टर के पास गए, लेकिन वह कमजोर महसूस करने लगी। जब इससे भी कोई मदद नहीं मिली, तो हमने एक एंडोक्रिनोलॉजिस्ट से सलाह ली, जिसने उसे इंटरमिटेंट फास्टिंग, वेट ट्रेनिंग और प्रोग्रेसिव ओवरलोड से परिचित कराया, जिससे आखिरकार उसे मदद मिली। वजन कम करने और मांसपेशियों को बढ़ाने के साथ-साथ प्रोटीन के सेवन को बैलेंस रखना उसके लिए बहुत जरूरी था। आखिरकार, उसके हार्मोन बैलेंस हो गए और अब वह पीसीओएस से फ्री है।
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Disclaimer: ऊपर दी गई जानकारी पर अमल करने से पहले विशेषज्ञों से राय अवश्य लें। News24 की ओर से जानकारी का दावा नहीं किया जा रहा है।