Ramadan 2025: रमजान का महीना शुरू हो चुका है और मुसलमानों के लिए रोजा रखना फर्ज माना जाता है। लोग इस महीने में मजहब के वास्ते रोजा रखते हैं, लेकिन जो लोग डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर से परेशान है हैं, उन्हें कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए। डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर ऐसी समस्याएं हैं, जो किसी भी मजहबी रस्म में छूट देती है। बावजूद इसके, अगर कुछ सजगताएं बरती जाएं, तो ऐसे लोग हेल्दी रहते हुए रोजा रख सकते हैं।
कौन नहीं रख सकते रोजा?
टाइप 1 डायबिटीज से पीड़ित लोगों को रोजा नहीं रखना चाहिए। ये लोग पूरी तरह से इंसुलिन इंजेक्शन पर निर्भर होते है। इसीलिए लंबे समय तक भूखा रहना या इंसुलिन की डोज न लेना ऐसे लोगों के लिए नुकसानदेह हो सकता है।
अनियंत्रित डायबिटीज से जुड़ी किसी भी प्रकार की परेशानी जैसे किडनी रोग या हार्ट की बीमारी हो, तो रोजा न रखें।
अगर आपका ब्लड प्रेशर अनियंत्रित है, तो रोजा रखने से बचें।
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ये लोग रख सकते हैं रोजा
टाइप-2 डायबिटीज के साथ जी रहे लोग सुरक्षित रूप से रोजा रख सकते हैं।
अगर आर ग्लिप्टिन, ग्लूटाजने, मेटफॉर्मिन अथवा अल्फा ग्लूकोसाइड इनहिबिटर्स ग्रुप की दवाओं पर निर्भर हैं, तो आप रोजा रख सकते हैं। साथ ही ध्यान रखें कि डायबिटीज कंट्रोल हो और आप अपने डॉक्टर से सलाह लेकर रोजा रखें।
अगर आप हाई ब्लड प्रेशर की दवा लेते हैं तो डॉक्टर की सलाह के बाद रोजा रख सकते हैं।
इन बातों का रखें ध्यान
अगर आप रोजा बीमारी में रोजा रखते सेहरी के दौरान खास ध्यान रखें। ज्यादा से ज्यादा पानी पिएं और डाइट में हरी सब्जी, फल और नट्स को शामिल करें। साथ ही ये भी ध्यान रखें कि अपनी डाइट में फाइबर जरूर हो ताकि आप पूरे दिन पेट भरा हुआ फील करें।
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Disclaimer: ऊपर दी गई जानकारी पर अमल करने से पहले विशेषज्ञों से राय अवश्य लें। News24 की ओर से जानकारी का दावा नहीं किया जा रहा है।