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Pongal 2025: क्यों मनाया जाता है यह त्योहार, जानें खासियत और महत्व से लेकर तारीख

Pongal 2025: मकर संक्रांति और लोहरी की तरह दक्षिण भारत में पोंगल का त्योहार मनाया जाता है। इस पर्व की वहां खूब धूम होती है। आइए जानते हैं इस त्योहार की खासियत, महत्व और खास परंपरा।

Author Edited By : Namrata Mohanty Updated: Jan 12, 2025 15:59
Pongal 2025
photo credit-meta ai

Pongal 2025: पोंगल, भारत के दक्षिणी हिस्सों में मनाया जाने वाला एक पर्व है, जिसे तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, केरल और कर्नाटक में भी मनाया जाता है। यह पर्व वहां का एक मुख्य त्योहार है, जिसे फसल की कटाई का प्रतीक माना जाता है और मकर संक्रांति के आसपास मनाया जाता है। यह वहां के किसानों का मुख्य पर्व है, जिसका खास महत्व है। इस दौरान अन्न की पूजा भी होती है। पोंगल चार दिनों तक मनाया जाने वाला उत्सव है। आइए इस त्योहार से जुड़ी कुछ बातों को जानते हैं।

पोंगल का महत्व

पोंगल कृषि प्रधान समाज के लिए महत्वपूर्ण त्योहार होता है। यह मुख्य रूप से किसानों द्वारा मनाया जाने वाला पर्व है, जिनकी फसलें इस समय कटाई के लिए तैयार होती हैं। पोंगल त्योहार पर लोग अपनी फसलों की पूजा-अर्चना करते हैं और भगवान से आशीर्वाद प्राप्त करने की कामना करते हैं।

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पोंगल के चार दिन

  1. पोंगल चार दिनों तक मनाया जाने वाला उत्सव है, जो इस साल 14 जनवरी से 17 जनवरी तक मनाया जाने वाला है। 13 जनवरी को भोगी पोंगल मनाया जाएगा, जिस दिन बुराईयों और गलत विचारों का त्याग किया जाता है। इस दिन लोग अपने घरों की सफाई करते हैं और घर के लिए नया सामान भी खरीदते हैं।
  2. सूर्य पोंगल यानी 14 जनवरी को भी पोंगल का प्रमुख दिन होता है, जब सूर्य देवता की खास पूजा अर्चना की जाती है। लोग नई फसलों को सूर्य देवता को अर्पित करते हैं।
  3. मट्टू पोंगल, जो 15 जनवरी के दिन मनाया जाता है। इस दिन गाय, बैल और अन्य खेतों में काम आने वाले पशुओं की पूजा की जाती है।
  4. कन्नुम पोंगल, जो 16 से 17 जनवरी पर मनाया जाता है। इस दिन नई फसल की पहली कटाई की खुशियां मनाई जाती हैं और नए कपड़े पहने जाते हैं। इस दिन घरों की भी सजावट की जाती है।

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पोंगल की विशेष परंपराएं

  • इस पर्व पर लोगों के घर में पोंगल खिचड़ी बनाई जाती है। इस खिचड़ी को बनाने के लिए चावल, मूंग दाल, गुड़, तिल, नारियल, और घी का इस्तेमाल किया जाता है।
  • इस दिन लोग अपने घरों में कुंभ यानी घड़ा रखकर उसे सजाते हैं और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है।
  • पोंगल का त्योहार न सिर्फ धार्मिक बल्कि यह एक सांस्कृतिक उत्सव भी है जो तमिल समाज की समृद्धि और जीवनशैली को दर्शाता है।

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Disclaimer: ऊपर दी गई जानकारी पर अमल करने से पहले विशेषज्ञों से राय अवश्य लें। News24 की ओर से जानकारी का दावा नहीं किया जा रहा है।

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Edited By

Namrata Mohanty

First published on: Jan 12, 2025 03:59 PM

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