No Smoking Day 2025: स्मोक करने से आपकी हेल्थ पर बहुत ही बुरा असर पड़ता है। इस आदत के कारण आप ही नहीं बल्कि आपका पूरा परिवार प्रभावित होता है। स्मोकिंग की आदत से कई तरह की गंभीर हेल्थ से जुड़ी समस्याओं को बढ़ावा मिलता है। यहां तक कि इस आदत के कारण कई लोगों की जान तक चली जाती है। स्मोकिंग के प्रभाव के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ाने के लिए मार्च महीने में नो स्मोकिंग डे मनाया जाता है। इस दिन स्मोकिंग से हेल्थ पर पड़ने वाले असर के बारे में बताकर लोगों को स्मोकिंग छोड़ने के लिए प्रेरित करने के लिए कई कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। इसके माध्याम से बताया जाता है कि स्मोकिंग उनके लिए कितना नुकसानदायक है।
नो स्मोकिंग डे की शुरुआत
नो स्मोकिंग डे की शुरुआत 1984 में यूनाइटेड किंगडम में एक अभियान के रूप में हुई थी, जिसका उद्देश्य धूम्रपान से जुड़े स्वास्थ्य के खतरों के बारे में जागरूकता बढ़ाना और धूम्रपान छोड़ने के लिए प्रोत्साहित करना था। इस नोबेल पहल की अगुवाई स्वास्थ्य पेशेवरों के एक समूह ने की थी और तब से इसे दुनियाभर में मान्यता मिली है। इसलिए आज इसे दुनिया के देशों में मनाया जाता है, जिसमें भारत भी शामिल है। वहीं नो स्मोकिंग डे पहली बार साल 1984 में आयरलैंड में मनाया गया था।
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नो स्मोकिंग डे का महत्व
नो स्मोकिंग डे ऐसा अवसर है जब पूरी दुनिया में स्मोकिंग के खतरों पर बात की जाती है। लोगों की हेल्थ को खराब करने वाली इस आदत को छोड़ने के लिए प्रेरित किया जाता है। पूरी दुनिया को स्मोकिंग फ्री बनाने के लिए अवयरनेस प्रोग्राम्स आयोजित किए जाते हैं। साथ ही दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में सेमिनार, वर्कशॉप आदि आयोजित होते हैं।
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