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घर में शादी या बच्चे की किलकारी गूंजने पर क्यों अनोखे तरीके से मनाई जाती है Lohri? 

Lohri 2024: अगर आपके घर में अभी नई नवेली दुल्हन आयी है या नए बच्चे की किलकारी गूंजी है, तो आपको लोहड़ी के महत्व के बारे में जरूर जान लेना चाहिए।

Edited By : Mehak Jain | Updated: Jan 12, 2024 17:00
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Lohri 2024
क्यों नई दुल्हन के लिए महत्वपूर्ण होती है लोहड़ी

Lohri 2024: लोहड़ी को पंजाब में ही नहीं दिल्ली, हरियाणा और जम्मू-कश्मीर में भी काफी धूमधाम से मनाया जाता है। इस फेस्टिवल को मकर संक्रांति (Makar Sankranti) से एक दिन पहले सेलिब्रेट किया जाता है। लोहड़ी (Lohri Celebration) में लोग अलाव जलाकर इसके चारों ओर नाचते- गाते हैं। भारत में नई दुल्हन और नवजात शिशु की पहली लोहड़ी को काफी खास माना जाता है। परिवार के लोग दावत में आते हैं और काफी सारे गिफ्ट्स लाते हैं।

पार्टी खत्म होने के बाद Dance और गायन के साथ धूमधाम से लोहड़ी मनाई जाती है। यह फेस्टिवल खास तौर पर उन जोड़ों के लिए एक खुशी का दिन होता है, जिन्होंने अपनी शादी के बाद पहली बार लोहड़ी मनाई हो। साथ ही परिवार में आने वाले नवजात शिशु के लिए भी लोहड़ी का त्योहार काफी अहम माना जाता है।

इस त्योहार पर लोग आग में सूखे मेवे, रेवड़ी, भुनी हुई मूंगफली, तिल के लड्डू जैसी चीजें चढ़ाते हैं। सभी अलाव जलाकर खड़े होते हैं और ‘Bhangra’ करते हैं। यह नाच-गाना रातभर चलता रहता है। इस त्योहार में खाया जाने वाला भोजन आम तौर पर शाकाहारी होता है। आइए जानते हैं नई नवेली दुल्हन और नवजात शिशु के लिए ये फेस्टिवल क्यों इतना महत्वपूर्ण होता है।

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नई दुल्हन के लिए लोहड़ी का महत्व (Lohri for New Bride)

घर में आई नई दुल्हन की पहली लोहड़ी (Importance Of Lohri) बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है। इस दिन को (Happy Lohri 2024) काफी धूमधाम से और बड़े पैमाने पर मनाया जाता है। पूरा परिवार नए कपड़े पहनकर आग के चारों ओर इकट्ठा होता है।

नई दुल्हन नई चूड़ियां पहनती हैं, अपने हाथों पर मेहंदी लगाती हैं और अपने साज श्रृंगार करती हैं। ऐसे ही घर का बेटे भी नए कपड़े और रंग-बिरंगी पगड़ी पहनते हैं। परिवार की नई दुल्हन को उसकी पहली लोहड़ी पर उसके ससुराल वाले सुंदर नए कपड़े और जेवर गिफ्ट करते हैं।

काले कपड़ों से रहे दूर (Don’t Wear Black Cloths)

अगर आप नवविवाहित हैं और आपकी पहली लोहड़ी है तो उस समय काले रंग के कपड़े बिल्कुल न पहनें। यह अशुभ माना जाता है। कहां जाता है कि शुभ मौकों पर काले रंग के कपड़ों को नहीं पहनना चाहिए। अपनी पहली लोहड़ी पर कलरफुल कपड़े ही चुने।

नवजात की पहली लोहड़ी का महत्व (Lohri of New Born)

नवजात शिशु के लिए भी लोहड़ी का फेस्टिवल काफी इम्पोर्टेन्ट होता है। इस इवेंट के लिए निमंत्रण कार्ड (Invitation cards) भेजे जा सकते हैं, यह इस बात पर निर्भर करता है कि कोई कैसे जश्न मनाना चाहता है। यह इवेंट बच्चे के माता-पिता के घर पर करीबी रिश्तेदारों, दोस्तों की उपस्थिति में मनाया जाता है।

सभी मेहमान और रिश्तेदार बच्चे और नई मां के लिए (Lohri 2024) गिफ्ट्स लाते हैं। बच्चे के नाना-नानी भी रिश्तेदारों को उपहार देते हैं। नवजात शिशु की पहली लोहड़ी पर मां हैवी कपड़े पहनती है और हाथों और पैरों में मेहंदी लगाकर ढेर सारे आभूषण पहनती है और बच्चे को गोद में लेकर बैठती है। इस समय नाना-नानी कपड़े, मिठाई, रेवड़ी, मूंगफली, पॉपकॉर्न और फलों जैसे गिफ्ट्स भी लेकर आते हैं।

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बच्चे को काला धागा बांधे (Tie a Black Thread)

लोहड़ी के  त्योहार वाले दिन लोगों का घर में आना जाना लगा रहता है। ऐसे में लोग बच्चे को देखते हैं और कहा जाता है कि बच्चों को काफी जल्दी नजर लग जाती है। इसलिए बच्चे को बुरी नजर से बचाने के लिए आप एक काला धागा बांध सकते हैं।

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Mehak Jain

First published on: Jan 12, 2024 05:00 PM

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