Kidney Failure: किडनी फेलियर जिसे रीनल फेलियर भी कहा जाता है। इस दौरान इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन और किडनी का एक्टिव न होने के कारण स्किन पर कई तरह के बदलाव हो सकते हैं। वास्तव में, रीनल फेलियर वाले लगभग 50 से 100 प्रतिशत रोगियों को त्वचा के रंग में बदलाव नजर आता ही हैदराबाद में एशियन इंस्टीट्यूट ऑफ नेफ्रोलॉजी एंड यूरोलॉजी के कंसल्टेंट नेफ्रोलॉजिस्ट डॉ. नवीन रेड्डी अवुला ने बताया कि क्या किडनी फेलियर से त्वचा के रंग में बदलाव होता है और रोगियों को क्या पता होना चाहिए इसके क्या-क्या संकेत दिख सकते हैं?
सूखी और खुजली वाली त्वचा (प्रुरिटस)
किडनी फेलियर में सबसे आम त्वचा बदलाव में से एक गंभीर सूखापन और खुजली है, जो अक्सर ब्लड फ्लो यूरिया के बढ़ने के कारण होता है और इससे स्किन में जलन पैदा है। ज्यादा खुजलाने से त्वचा पर सफेद लाइन पड़ सकती हैं।
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पीली त्वचा (यूरेमिक फ्रॉस्ट)
किडनी फेलियर में यूरेमिया नामक स्थिति पैदा होती है, जिससे ब्लड में अपशिष्ट उत्पादों का संचय होता है। इससे त्वचा पीली दिखाई दे सकती है। गंभीर मामलों में, त्वचा पर यूरेमिक फ्रॉस्ट, यूरिया और अन्य अपशिष्ट उत्पादों का क्रिस्टलीय जमाव बन सकता है।
त्वचा के नीचे कैल्शियम जमा होना
कुछ व्यक्तियों की त्वचा में कैल्शियम जमा हो सकता है। अगर ये जमाव त्वचा से बाहर निकल जाए, तो स्किन पर कई तरह की समस्याएं नजर आने लगती है।
नाखून में बदलाव
किडनी फेलियर के कारण नाखून भंगुर, रंगहीन हो सकते हैं, या उन पर सफेद पट्टियां बढ़ सकती है, जिन्हें म्यूर्के लाइन्स के नाम से जाना जाता है, जो अक्सर गंभीर किडनी रोग के कारण होती हैं।
कैसे करें बचाव
1. एनीमिया में आयरन थेरेपी की जरूरत हो सकती है।
2. ब्लड प्रोडक्शन एजेंट रेड ब्लड सेल्स को मैनेज करने में मदद कर सकता है।
3. सनस्क्रीन या सही कपड़ों का इस्तेमाल करके त्वचा को सूर्य की रोशनी से बचाना जरूरी होता है।
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Disclaimer: ऊपर दी गई जानकारी पर अमल करने से पहले विशेषज्ञों से राय अवश्य लें। News24 की ओर से जानकारी का दावा नहीं किया जा रहा है।