Chronic Kidney Disease: क्रोनिक किडनी रोग (CKD) बहुत ही गंभीर स्थिति है। इस स्थिति में किडनी धीरे-धीरे खून से बैक्टीरिया को साफ करने की प्रक्रिया खो देता है। किडनी इलेक्ट्रोलाइट्स को बैलेंस करके ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने और जरूरी हार्मोन को हल्दी रखने में मदद करता है। इसके कारण शरीर में कई तरह के अन्य समस्याएं भी पैदा होती हैं। इसे लेकर ग्लेनेगल्स हॉस्पिटल परेल में रीनल साइंस के निदेशक डॉ. भरत शाह ने बताया कि सीकेडी को एक मूक रोग भी कहा जाता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि यह धीरे-धीरे विकसित होता है और जब तक किडनी को गंभीर नुकसान नहीं पहुंच जाता है तब तक इसके लक्षण दिखाई देते हैं। व्यक्ति इस स्थिति से जुड़े कई लक्षणों का अनुभव कर सकते हैं।
इसमें लगातार थकान, पैरों और चेहरे में सूजन, पेशाब के पैटर्न में बदलाव, हाई ब्लड प्रेशर और फोकस करने में परेशानी होने जैसे लक्षण शामिल हो सकते हैं। खराब खानपान की आदत, खराब लाइफस्टाइल, हाई सोडियम का सेवन, धूम्रपान, ज्यादा शराब का सेवन, मोटापा, हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज जैसी चीजों के कारण ये बीमारी पैदा हो सकती है। आइए जानते हैं कि इससे बचाव कैसे किया जा सकता है?
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कैसे करें बचाव
हाइड्रेटेड रहें- डिहाइड्रेशन आपकी करने के लिए अच्छा नहीं माना जाता है। पर्याप्त पानी पीने से गुर्दे शरीर से हानिकारक बैक्टीरिया को बाहर निकलने में मदद करता है। लोगों को पूरे दिन पर्याप्त पानी पीने की सलाह दी जाती है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि उनकी किडनी अच्छी तरह से काम कर रही है।
ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करें- जिन लोगों का ब्लड शुगर लेवल बढ़ा हुआ है, खासकर डायबिटीज के रोगियों को सावधान रहना चाहिए और उन्हें कंट्रोल रखने की कोशिश करनी चाहिए। ऐसा इसलिए है क्योंकि डायबिटीज गुर्दे की बीमारियों के प्रमुख कारणों में से एक है। हेल्दी डाइट खाने, ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करके और समय पर दवा लेने से आप हेल्दी रह सकते हैं।
धूम्रपान और शराब पीना छोड़ें- अगर आप शराब या धूम्रपान के आदी हैं तो आपको अपनी ये आदत तुरंत छोड़ देनी चाहिए। धूम्रपान करने से किडनी में ब्लड सर्कुलेशन कम हो सकता है, जिससे किडनी पर बुरा प्रभाव पड़ता है। वहीं, शराब पीने से आपको ब्लड प्रेशर और डिहाइड्रेशन की समस्या हो सकती है।