नवरात्रि हिंदुओं का सबसे प्रमुख त्योहारों में से एक है। ये दिन देवी दुर्गा को समर्पित हैं और इन नौ दिनों में भक्त मां की भक्ति और पवित्रता के साथ पूजा करते हैं और देवी का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। चैत्र नवरात्रि का मतलब है चैत्र के महीने में पड़ने वाली नवरात्रि जो आमतौर पर मार्च-अप्रैल में आती है और इस बार भी चैत्र नवरात्रि प्रतिपदा तिथि, 30 मार्च से शुरू होगी और यह नवमी तिथि, यानी 6 अप्रैल 2025 को समाप्त होगी।
चैत्र नवरात्रि का महत्व
हिंदू धर्म में नवरात्रि का बहुत बड़ा धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व है। नवरात्रि साल में चार बार आती है लेकिन चैत्र नवरात्रि और शारदीय नवरात्रि का अपना एक महत्व है। नवरात्रि का मतलब है नौ दिनों तक मां दुर्गा की पूजा करना और व्रत रखना। देवी दुर्गा की पूजा अनुष्ठान करने और आशीर्वाद पाने के लिए ये दिन सबसे पवित्र माने जाते हैं। भगवान राम का जन्मदिन या राम नवमी उत्सव के नौवें दिन चैत्र नवरात्रि का अंतिम दिन होता है। चैत्र नवरात्रि वसंत ऋतु की नई शुरुआत का प्रतीक भी माना जाता है। भक्त पूजा, उपवास, आत्मनिरीक्षण में शामिल होते हैं और रात के समय जागरण में शामिल लेते हैं। नवरात्रि का प्रत्येक दिन मां दुर्गा के प्रत्येक रूप का प्रतिनिधित्व करता है।
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चैत्र नवरात्रि का इतिहास
कहा जाता है कि जब धरती पर महिषासुर का आतंक काफी बढ़ गया और देवता भी उसे हरा पाने में असमर्थ हो गए, क्योंकि महिषासुर का वरदान प्राप्त था कि कोई भी देवता या दानव उस पर विजय प्राप्त नहीं कर सकता। ऐसे समय में देवताओं ने माता पार्वती को प्रसन्न कर उनसे रक्षा का अनुरोध किया। इसके बाद माता ने अपने अंश से नौ रूप प्रकट किए। इसके बाद देवताओं ने अपने शस्त्र देकर शक्ति संपन्न किया।
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