Blue Light Filter Effect: आज के समय में कई कंप्यूटर पर काम करते समय ब्लू लाइट फिटर वाले चश्मे का इस्तेमाल करते हैं और आपको लगाता है कि इससे आपकी आखें सेफ रहेगी इसलिए आप इसे पहनते हैं। एक नए अध्ययन में पाया गया है कि केवल अपने चश्मे में ब्लू लाइट वाला फिल्टर लगा लेने से स्क्रीन से आंखों पर पड़ने वाला तनाव कम नहीं हो सकता। ब्लु लाइट वाले चश्मे का आंखों पर बिना ब्लु लाइट वाली रोशनी वाले चश्मे की तुलना में कोई प्रभाव नहीं पड़ता है।
अध्ययन में आया सामने
कोक्रेन डाटाबेस ऑफ सिस्टमैटिक रिव्यूज में प्रकाशित यह नया अध्ययन छह देशों में 156 से अधिक वयस्क प्रतिभागियों पर किए गए 17 अध्ययनों का मेटा विश्लेषण है किया गया। शोधकर्ताओं ने पाया कि नीली रोशनी वाले चश्मे से नींद की गुणवत्ता, आंखों के तनाव या आंखों के स्वास्थ्य पर कोई फर्क नहीं पड़ता है। वरिष्ठ लेखिका एसोसिएट प्रोफेसर लॉरा डाउनी ने बताया कि हमारी समीक्षा, स्वस्थ वयस्क व्यक्तियों के लिए कंप्यूटर के उपयोग से आंखों पर पड़ने वाले तनाव को कम करने के लिए ब्लू लाइन को फिल्टर करने वाले लेंस के उपयोग का समर्थन नहीं करती है।
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क्या कहते हैं हेल्थ एक्सपर्ट
हेल्थ एक्सपर्ट भी इसे लेकर यही कहते है अगर आप ब्लु लाईट फिटर वाले चश्मे और कंप्यूटर और फोन चलाते हैं, तो इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है। उन्होंने बताया कि ये बस एक मिथ है। इस चश्मे को लगाने से सिर्फ धूल मिट्टी से आपके आंखों का बचाव हो सकता है।
वहीं, मेलबर्न विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों द्वारा किए गए परीक्षणों में, प्रतिभागियों ने ब्लू लाइट फिल्टर करने वाले लेंस पहनने वालों और नीली रोशनी को फिल्टर न करने वाले लेंस पहनने वालों के बीच कोई अंतर नहीं बताया।
माना जाता है कि विजिबल लाइट स्पेक्ट्रम में से एक रंग नीला प्रकाश रेटिना को नुकसान पहुंचाता है और आंखों से संबंधित समस्याएं बढ़ सकती है। इसकी छोटी हाई एनर्जी तरंगें, यूवी तरंगों की तुलना में थोड़ी कम शक्तिशाली होती हैं, जिनके त्वचा और आंखों पर हानिकारक प्रभाव होते हैं।
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Disclaimer: ऊपर दी गई जानकारी पर अमल करने से पहले विशेषज्ञों से राय अवश्य लें। News24 की ओर से जानकारी का दावा नहीं किया जा रहा है।