पाकिस्तान की अफगनिस्तान से बढ़ती तनातनी के बीच असीम मुनीर ने तालिबान शासन को धमकाने की कोशिश की है. वहीं अफगानिस्तान में भारत की दखल की बात भी कही है. पाक सेना प्रमुख मुनीर ने कहा कि तालिबान शासन को अफगानिस्तान की धरती से पाकिस्तान में हमले करने वाले गुटों पर कार्रवाई करनी चाहिए. मुनीर ने कहा कि भारत से मदद पा रहे गुटों को अफगानिस्तान की धरती पर पनाह मिल रही है, जो दोनों देशों में तनाव की बड़ी वजह है.
पाकिस्तानी सेना प्रमुख असीम मुनीर ने एक बार फिर भारत विरोधी बयानबाजी की, जबकि उनके सैनिकों को तालिबान के साथ चल रहे संघर्ष में कई झटके लगे हैं.
डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, काकुल स्थित पाकिस्तान सैन्य अकादमी (पीएमए) में पासिंग आउट परेड को संबोधित करते हुए मुनीर ने कहा कि ‘परमाणु ऊर्जा से लैस माहौल में युद्ध की कोई गुंजाइश नहीं है.’
मुनीर, जिनकी सेनाओं ने ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत के साथ हुए संक्षिप्त संघर्ष में कई प्रमुख हवाई अड्डे खो दिए थे, ने दावा किया कि पाकिस्तान डरेगा नहीं.
हम बयानबाजी से नहीं डरते हैं- मुनीर
मुनीर ने कहा, ‘हम आपकी बयानबाजी से न तो कभी डरेंगे और न ही दबाव में आएंगे और मामूली उकसावे का भी बिना किसी झिझक के, पूरी क्षमता से, निर्णायक जवाब देंगे. तनाव बढ़ने की पूरी जिम्मेदारी भारत पर होगी, जिसके अंततः पूरे क्षेत्र और उससे आगे के लिए विनाशकारी परिणाम हो सकते हैं.’
इस दौरान मुनीर ने इस तथ्य को छिपाने की कोशिश की कि भारतीय हमलों से तबाह होने के बाद उनके डीजीएमओ ने ही युद्धविराम की मांग की थी.
मुनीर ने कहा, ‘यदि शत्रुता की नई लहर शुरू होती है, तो पाकिस्तान इसकी शुरुआत करने वालों की उम्मीदों से कहीं अधिक प्रतिक्रिया देगा.’
ऑपरेशन सिंदूर में मुंह की खा चुका है पाकिस्तान
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय वायु सेना ने पाकिस्तान के 12-13 लड़ाकू विमान नष्ट कर दिए, जिनमें जमीन पर चार से पांच F-16 और हवा में पांच F-16 और JF-17, साथ ही दो जासूसी विमान शामिल थे. भारतीय वायु सेना ने कई पाकिस्तानी हवाई अड्डों पर भी हमले किए, रडार, कमांड सेंटर, रनवे, हैंगर और एक सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल (SAM) प्रणाली को नुकसान पहुंचाया. इस स्थिति से जूझते हुए, मुनीर ने तथ्यों को छिपाने के लिए बयानबाजी का सहारा लिया.
उन्होंने कहा, ‘संघर्ष और संचार क्षेत्रों के बीच कम होते अंतर के साथ, हमारी हथियार प्रणालियों की पहुंच और मारक क्षमता भारत के भौगोलिक युद्ध क्षेत्र की भ्रांतिपूर्ण प्रतिरक्षा को ध्वस्त कर देगी. इससे होने वाला गहरा आघातकारी प्रतिशोधात्मक सैन्य और आर्थिक नुकसान अराजकता और अस्थिरता फैलाने वालों की कल्पना और गणना से कहीं परे होगा.’