Diwali Safety Tips: दीपों के पर्व दिवाली (Diwali) का बच्चे हों या बड़े सभी पूरा मजा लेते हैं. लेकिन, माता-पिता को छोटे बच्चों के साथ कुछ जरूरी सावधानियां बरतने की जरूरत होती है. अगर बच्चों के साथ सावधानी ना बरती जाए तो बच्चे के पटाखों से जलने का, दीये से जलने का, शोर के कारण कान के परदे फटने का या फिर धूएं से आंखों में जलन वगैरह का खतरा रहता है. वहीं, इन दिक्कतों को किस तरह ट्रीट करना है इसका भी खास ख्याल रखने की जरूरत होती है. इसी बारे में पीडियाट्रिशियन (Pediatrician) यानी बच्चों की डॉक्टर माधवी भारद्वाज ने अपने इंस्टाग्राम हैंडल से एक वीडियो शेयर किया है जिसमें उन्होंने बताया है कि पैरेंट्स को दिवाली के दौरान बच्चों के साथ कौन सी जरूरी सावधानियां बरतनी चाहिए.
दिवाली पर बच्चों के साथ बरतें ये सावधानियां
अगर बच्चा जल जाए – दिवाली पर अगर बच्चा हल्का जल जाता है, जैसे हाथ या शरीर का कोई हिस्सा अगर जल गया है तो उसके ऊपर टूथपेस्ट, हल्दी या मेहंदी ना लगाएं. नल के बहते पानी के नीचे बच्चे की जली हुई त्वचा को लाकर साफ होने दें. पानी लगने से घाव पकता नहीं है बल्कि उससे घाव (Burn) इंफेक्शन से बचता है. इसके बाद घाव पर एंटी-बायोटिक क्रीम लगाएं.
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आंख में अगर कुछ चला जाए – अगर बच्चे की आंख में कहीं से भी धुआं या राख वगैरह कुछ चला जाता है तो सबसे पहले आंख को पानी से धोएं. इसके बाद तुरंत बच्चे को पीडियाट्रिशियन या आंखों के डॉक्टर के पास लेकर जाएं.
पैर पर ना लगाएं लहसुन – डॉ. माधवी बताती हैं कि अक्सर कहा जाता है कि त्योहारों के समय बच्चों को बाहर लेकर नहीं निकलना चाहिए क्योंकि इससे उन्हें नजर लग जाती है. लेकिन, ऐसा नहीं है बल्कि बच्चे को भीड़ में लेकर इसलिए नहीं निकलना चाहिए क्योंकि किसी तरह का इंफेक्शन हो सकता है. लोगों की बातों में आकर बच्चे के पैरों पर लहसुन का पेस्ट लगाने जैसी चीजें ना करें. लहसुन के कारण छोटे बच्चे के पैर पर छाला (Blister) पड़ सकता है. अगर बच्चे की स्किन इस तरह जल गई है तो उसे बहते पानी से धोने के बाद एंटीबायोटिक क्रीम लगा दें.
बच्चे को शोर से बचाना – डॉक्टर ने बताया कि बच्चे को शोर से बचाने के लिए उसे इयरमफ्स पहनाना या इयबड्स लगा देना काफी नहीं होता है. दिवाली के शोर वाले माहौल में बच्चे को इस तरह बाहर लेकर नहीं जाया जा सकता है. बाहर ना सिर्फ शोर ज्यादा है बल्कि वायु प्रदूषण भी इस समय ज्यादा होता है. इससे छोटे बच्चों में सांस की दिक्कत हो सकती है. इसीलिए बच्चे को बाहर ले जाने से बचें.
बच्चे को तला हुआ खिलाना – अक्सर दादी-नानी कहने लगती हैं कि अगर बच्चा एक साल से बड़ा हो गया है तो उसे तला हुआ तो खिला ही सकते हैं. लेकिन, डॉक्टर का कहना है कि बच्चे को कभी-कभी तला हुआ दिया जा सकता है. जो मसाले या चीजें उसे पहले से दी जा रही हैं वो ही दिवाली पर दें. उससे अलग बहुत ज्यादा देने से परहेज करें.
डॉ. माधवी का कहना है कि इन बातों का ध्यान रखकर सुरक्षित दिवाली मनाई जा सकती है और बच्चों की सेहत का ख्याल रखा जा सकता है.
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अस्वीकरण – इस खबर को सामान्य जानकारी के तौर पर लिखा गया है. अधिक जानकारी के लिए विशेषज्ञ की सलाह लें या चिकित्सक से परामर्श करें. न्यूज 24 किसी तरह का दावा नहीं करता है.