Why People Applied Tilak On Forehead: कोई त्योहार हो, घर में पूजा पाठ हो, माथे पर तिलक के साथ शुरुआत होती है। कुछ लोग हर रोज घर से निकलने से पहले पूजा पाठ करके माथे पर तिलक लगाकर ही निकलते हैं। तिलक लगाना हिन्दू संस्कृति का प्रतीक माना जाता है। देवी-देवता, योगी, संत-महात्मा के माथे पर तिलक हमेशा सुशोभित रहता है। लोग त्योहार, पूजा-पाठ और संस्कारों आदि अवसरों पर तिलक लगाते हैं, लेकिन तिलक क्यों लगाते हैं? इसका फायदा क्या है? महत्व क्या है और इसे लगाने के नियम क्या हैं, आइए इन पर विस्तार से बात करते हैं…
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धार्मिक प्रवृत्ति का प्रतीक माथे पर तिलक
भारतीय धार्मिक परंपरा के अनुसार, तिलक लगाना सम्मान का सूचक है। माथे पर तिलक लगाने से पॉजिटिविटी आती है। दिमाग शांत रहता है। कुंडली के ग्रह शांत होते हैं। चंदन का तिलक लगाने से घर अन्न-धन से भरा रहता है। सौभाग्य बढ़ता है। यश मान बढ़ता है। पाप-बुरे कर्मों का नाश होता है। नेगेटिव एनर्जी दूर होती है। मन में अच्छे विचार आते हैं। दिमाग शांत रहने से काम करने की क्षमता बढ़ती है। अटके हुए काम बनते हैं। कुछ लोग मानते हैं कि तिलक लगाकर निकलने से दिन की शुरुआत अच्छी होती है। एकाग्रता बढ़ती है। आकर्षण बढ़ता है। आलस दूर होता है। विजय सफलता मिलती है।
वैज्ञानिक दृष्टि से तिलक काफी महत्वपूर्ण
माथे पर तिलक लगाने का वैज्ञानिक आधार भी है। इंसान की दोनों भोहों के बीच सुषुम्ना, इड़ा और पिंगला नाड़ियों का केंद्र दिमाग ही है, जिसे तीसरा नेत्र भी कहा जाता है। इसलिए दोनों भोहों के बीच तिलक लगाने से आज्ञाचक्र जागृत होता है, जो शक्ति का प्रकाश और तेज बढ़ाता है। ललाट पर नियमित रूप से तिलक लगाते रहने से शीतलता, तरावट और शांति का अनुभव होता है। सिरदर्द नहीं होता।
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तिलक लगाने के भी होते खास नियम
बिना नहाए तिलक नहीं लगाना चाहिए। पहले अपने ईष्ट देव या भगवान को तिलक लगाएं और इसके बाद स्वयं को तिलक लगाएं। तांबे के पात्र में थोड़ी रोली लेकर गुलाब जल मिलाएं। पेस्ट बनाकर पहले श्रीकृष्ण को तिलक लगाएं। फिर स्वयं को, लेकिन तिलक को लगाकर मांस मदिरा का सेवन न करें।
ग्रहों को मजबूत करने को तिलक लगाएं
सूर्य के लिए लाल चंदन का तिलक अनामिका अंगुली से लगाएं। चंद्रमा के लिए सफेद चंदन का तिलक कनिष्ठा अंगुली से लगाएं। मंगल के लिए नारंगी रंग के सिंदूर का तिलक अनामिका अंगुली से लगाएं। बुध के लिए अष्टगंध का तिलक कनिष्ठा अंगुली से लगाएं। बृहस्पति ग्रह को केसर का तिलक तर्जनी अंगुली से लगाकर मजबूत करें।
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हर दिन के अनुसार कौन-सा तिलक लगाएं?
सोमवार के दिन सफेद चंदन का तिलक लगाने से मन शांत रहता है। मंगलवार को चमेली के तेल में सिंदूर घोलकर लगाएं। बुधवार को सूखा सिंदूर लगाने से भगवान खुश होते हैं। गुरुवार के दिन पीला चंदन या हल्दी का तिलक लगाना चाहिए। शुक्रवार के दिन लाल चंदन या कुमकुम का तिलक लगाएं। शनिवार के दिन भस्म का तिलक लगाने से परेशानियां दूर होती हैं। रविवार को लाल चंदन का तिलक लगाने से मान-सम्मान और धन की प्राप्ति होती है।