Social Media Impact On Mental Health: आज की डिजिटल दुनिया में सोशल मीडिया हमारे जीवन का अहम हिस्सा बन गया है। रात को सोने से पहले और सुबह उठते हैं को सबसे पहले हाथ में अपना फोन लेते हैं। व्हाट्सएप से लेकर इंस्टाग्राम तक अपने सोशल मीडिया हैंडल को खंगालते हैं। ये एक ऐसी आदत बन गई है जिससे पीछा छुड़वाना मुश्किल हो गया है। क्या आपने कभी सोचा है कि सोशल मीडिया का हमारी और आपकी मेंटल हेल्थ पर किया असर पड़ रहा है? आइए आज हम इसी टॉपिक पर बात करते हैं कि कैसे सोशल मीडिया का आदी होने से हमारी मेंटल हेल्थ प्रभावित हो रही है।
1. डिप्रेशन
आज के समय में डिप्रेशन के कई केस सामने आते हैं, कभी आपने सोचा कि इसके पीछे का कारण क्या है। कहीं न कहीं सोशल मीडिया पर अधिक समय बिताना इसका बड़ा कारण है। कई लोगों को जो जीवन में सफलता पाने में असमर्थ रहे हैं उन्हें ऐसा लगने लगता है कि उनके लिए दुनिया में कुछ बचा ही नहीं है। ऐसे में वो डिप्रेशन का शिकार हो जाते हैं।
यह भी पढ़ें: कैंसर को लेकर बाबा वेंगा की शॉकिंग भविष्यवाणी, सच हुई तो लोगों की जान…
2. अकेलापन
घर परिवार में लोगों के होने के बावजूद भी जो लोग सोशल मीडिया में ही बिजी रहते हैं वो अकेलेपन का शिकार होते हैं। वो अपने आपको सोशल मीडिया में इतना बिजी कर लेते हैं कि घर परिवार वालों से बात ही नहीं करते। एक समय ऐसा आ जाता है जब वो अपने दिल की बात भी किसी से शेयर नहीं कर पाते और खुद को दुनिया से अलग महसूस करने लगते हैं। इसका नतीजा ये निकलता है कि वो अकेलेपन का शिकार हो जाते हैं।
3. लो कॉन्फिडेंस
कहा जाता है कि आत्मविश्वास होने से ही इंसान सफलता की एक सीढ़ी चढ़ जाता है। वहीं आज के समय में लोगों में आत्मविश्वास की इतनी कमी दिखाई देती है कि वो अपनी बात को किसी के सामने प्रस्तुत ही नहीं कर पाते हैं। इसके पीछे का सबसे बड़ा कारण सोशल मीडिया ही है, क्योंकि लोगों को लगता है कि यही उनकी दुनिया है। ऐसे में वो सोशल मीडिया से कनेक्ट हो जाते हैं और असल जिंदगी से डिस्कनेक्ट हो जाते हैं जिससे आत्मविश्वास में भी कमी आती है।
4. नींद पूरी न होना
लंबे समय तक सोशल मीडिया पर बिजी रहने से लोगों की नींद पूरी नहीं होती जो कई बीमारियों और चिड़चिड़ेपन का कारण है। कुछ लोग तो ऐसे होते हैं कि वो फोन में इतने ज्यादा खो जाते हैं कि उन्हें पता ही नहीं चलता कि कब रात से सुबह हो गई है। ऐसे में अगले दिन थकान, लो एनर्जी और कमजोरी महसूस होती है।
5. परिवार के महत्व से वंचित होना
पहले के समय में बच्चे हों या घर के बड़े सब साथ में समय बिताते थे, खाना खाते थे और खेल खेलते थे। ऐसे में सभी को परिवार का महत्व पता था कि उसकी क्या इंपॉर्टेंट है। जब से सोशल मीडिया ने पैर पसारे हैं किसी के पास समय ही नहीं है, सब अपने फोन में, लैपटॉप में बिजी हो गए हैं।
बच्चे तो बिल्कुल ही भूल गए हैं कि परिवार क्या होता है? उन्हें न तो दादा-दादी से फर्क पड़ता है और न ही चाचा-चाची व अन्य परिवार वालों से तालमेल बिठा पाते हैं।
यह भी पढ़ें: प्रेमानंद महाराज की तबीयत खराब, रो पड़े भक्त, पदयात्रा रुकने से नहीं हुए दर्शन