इस्लामाबाद: भारत से शांति की गुहार लगाने के कुछ ही घंटों में पाकिस्तान ने फिर अपने तेवर दिखाए हैं। मंगलवार को पाकिस्तान प्रधानमंत्री कार्यालय ने एक बार फिर कश्मीर का मुद्दा उठाया है। पीएमओ ने बयान जारी करते हुए कहा है कि भारत के साथ बातचीत तभी संभव है जब भारत 5 अगस्त 2019 की अपनी अवैध कार्रवाई (प्रस्ताव) को वापस लेगा। बता दें 5 अगस्त 2019 को भारत ने जम्मू कश्मीर राज्य से आर्टिकल 370 को निरस्त करने और राज्य का विभाजन जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के रूप में दो केंद्र शासित क्षेत्र बनाने का प्रस्ताव पास किया गया था।
The settlement of the Kashmir dispute must be in accordance with the UN resolutions & aspirations of people of Jammu & Kashmir.
The Spokespman said that the Prime Minister made this position very clear in his interview with Al Arabiya news during his recent visit to the UAE. 3/3---विज्ञापन---— Prime Minister's Office (@PakPMO) January 17, 2023
आगे पाकिस्तान पीएमओ ने अपने बयान में कहा, भारत द्वारा इस कदम को वापस लिए बिना बातचीत संभव नहीं है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा ट्वीट कर कहा गया पीएम शहबाज शहरीफ के अल अरबिया टीवी को दिए इंटरव्यू का जिक्र करते हुए कहा है।
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In ref. to PM Shehbaz Sharif's interview to Al Arabiya, the spokesman of the PM Office has said the PM has consistently maintained that Pakistan & India must resolve their bilateral issues, especially the core issue of Jammu & Kashmir, through dialogue and peaceful means. 1/3
— Prime Minister's Office (@PakPMO) January 17, 2023
ट्वीट में आगे कहा गया कि “प्रधानमंत्री ने लगातार कहा है कि दोनों देशों को अपने द्विपक्षीय मुद्दों को बातचीत और शांतिपूर्ण तरीकों से हल करना चाहिए. हालांकि, उन्होंने यह भी कहा है कि भारत सरकार की 5 अगस्त 2019 के प्रस्ताव को वापस लेने के बाद ही बातचीत हो सकती है। भारत जब तक इस प्रस्ताव को रद्द नहीं करेगा, तब तक बातचीत संभव नहीं है.”।
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The settlement of the Kashmir dispute must be in accordance with the UN resolutions & aspirations of people of Jammu & Kashmir.
The Spokespman said that the Prime Minister made this position very clear in his interview with Al Arabiya news during his recent visit to the UAE. 3/3— Prime Minister's Office (@PakPMO) January 17, 2023
बता दें इससे पहले अल अरबिया टीवी को दिए इंटरव्यू के दौरान शहबाज शरीफ ने कहा था कि भारत और पाकिस्तान एक दूसरे के पड़ोसी देश हैं और दोनों को एक दूसरे के साथ ही रहना है। उन्होंने कहा था कि “यह हमारे ऊपर है कि हम शांति से रहें और तरक्की करें या एक-दूसरे से झगड़ कर अपना समय और संसाधन को बर्बाद करें। उन्होंने कहा था कि भारत के साथ हमारे तीन युद्ध हुए हैं और इसने लोगों के लिए और अधिक दुख, गरीबी और बेरोजगारी ही लाई है। हमने अपना सबक सीख लिया है और हम शांति से रहना चाहते हैं। मैं पीएम मोदी को संदेश देना चाहता हूं कि हम गरीबी को कम करना चाहते हैं।
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