Chhattisgarh Encounter: छत्तीसगढ़ में नक्सलियों का सफाया करने के लिए चलाए जा रहे अभियान के तहत सोमवार रात को सुरक्षाबलों को बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। वामपंथी उग्रवाद (LWE) के खिलाफ चलाए गए विशेष ऑपरेशन में सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में 20 नक्सली मारे गए हैं। इन नक्सलियों में सबसे प्रमुख नाम जयराम रेड्डी का है। जयराम रेड्डी खूंखार नक्सली था, जिसे अप्पाराव, रामचंद्र रेड्डी, चलपति और रामू के नाम से जाना जाता था। चलपति सिर्फ 10वीं तक पढ़ा-लिखा था। इसके बाद भी वह माओवादियों का वरिष्ठ लीडर बन गया था।
एनडीटीवी की एक रिपोर्ट के मुताबिक चलपति 60 साल का था, जो मूल रूप से आंध्र प्रदेश के चित्तूर का रहने वाला था। मामूली पढ़ाई-लिखाई के बावजूद वह माओवादी संगठन में लगातार अपनी पहचान बनाता गया और उनके शीर्ष फैसले लेने वाली संस्था सेंट्रल कमेटी मेंबर (CCM) का कैडर बन चुका था। वह कई बड़े हमलों की प्लानिंग में शामिल रहा था। उसके ऊपर सुरक्षाबलों ने एक करोड़ का इनाम रखा था, जिससे पता चलता है कि माओवादियों के बीच उसकी भूमिका कितनी अहम थी?
जंगलों से वाकिफ था चलपति
चलपति बस्तर और आसपास के घने जंगलों से अच्छी तरह वाकिफ था। उसके साथ अत्याधुनिक हथियारों से लैस 8-10 सुरक्षाकर्मी हर समय रहते थे। चलपति को AK-47 और SLR जैसे आधुनिक हथियारों की अच्छी समझ थी। वह माओवादी हमलों की रणनीति बनाने और उनको लीड करने में अहम भूमिका निभाता था।
यह भी पढ़ें:Delhi Election: दिल्ली की इस सीट पर पूर्वांचली मतदाताओं का रुख तय करेगा हार-जीत, जानें समीकरण
पिछले कुछ महीने से अबूझमाड़ में नक्सल विरोधी ऑपरेशन तेज होने के चलते उसने ठिकाना बदल लिया था। वह फिलहाल गरियाबंद-ओडिशा बॉर्डर के आसपास रहने लगा था। उसके सहयोगियों की पहचान के लिए सुरक्षाबल प्रयास कर रहे हैं। केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल, जिला रिजर्व गार्ड, कोबरा कमांडो और ओडिशा के विशेष ऑपरेशनल ग्रुप की संयुक्त टीम के साथ एनकाउंटर में नक्सली मारे गए हैं।
14 Maoists, including key leader Chalapathi, killed in a major encounter near the Chhattisgarh-Odisha border. Chalapathi, a ₹1 crore bounty suspect and in-charge of the Srikakulam-Koraput Division, was a member of the banned Maoist group. The operation, involving DRG, CRPF,… pic.twitter.com/AZ63y2yKuG
— Deccan Chronicle (@DeccanChronicle) January 21, 2025
सुरक्षाबलों को मिला था खुफिया इनपुट
सुरक्षाबलों को खुफिया जानकारी मिली थी कि चलपति और उसके साथी ओडिशा सीमा से लगभग 5 किलोमीटर दूर छत्तीसगढ़ के कुलारीघाट रिजर्व इलाके में छिपे हुए हैं। घटनास्थल से बड़ी मात्रा में अत्याधुनिक हथियार, गोला-बारूद और बम मिले हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ऐलान कर चुके हैं कि 2026 तक नक्सलियों का सफाया कर दिया जाएगा। इस ऑपरेशन को उन्होंने बड़ी कामयाबी बताया है।
यह भी पढ़ें:दिल्ली की इस सीट पर AAP और BJP में कड़ी टक्कर, जिस पार्टी का बना विधायक; उसकी आई सरकार
शाह ने कहा कि हमारे जवानों ने नक्सल मुक्त भारत की दिशा में कदम बढ़ाया है। आज नक्सलवाद अंतिम सांसें ले रहा है। सरकार माओवादियों को मुख्यधारा में वापस लाने और हिंसा से दूर करने को लेकर काम कर रही है। पिछले साल 800 माओवादी गिरफ्तार हुए हैं, 802 ने सरेंडर किया है। पिछले साल 219 नक्सली मारे गए थे, जिनमें 217 बस्तर इलाके के कांकेर, दंतेवाड़ा, बीजापुर, कोंडागांव, नारायणपुर और सुकमा के रहने वाले थे।