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कौन हैं जगदीश कहार? जिन्होंने 350 फिट गहरी खान में दी थी मौत को मात, टनल में फंसे मजदूरों के लिए कही यह बात

Story of Jagdish Kahar Who defeated death: पश्चिम बंगाल रानीगंज ईसीएल के महाबीर कोलियरी में 1989 में घटी खान दुर्घटना में मौत को मात देने वाले मजदूर जगदीश कहार मीडिया के सामने आए हैं।

Edited By : Pratyaksh Mishra | Updated: Nov 22, 2023 22:24
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Story of Jagdish Kahar Who defeated death(अमर देव पासवान ): उत्तरकाशी के सिल्कयारा टनल में पिछले 11 दिनों से 41 मजदूर फंसे हैं, जो टनल में अपनी जिंदगी और मौत की जंग लड़ रहे हैं, जिनको बचाने के लिए टनल की तीन दिशाओं से रेसक्यू ऑपरेशन चल रहा है। टनल मे फंसे मजदूरों व उनके परिजनों का भी कहीं ना कहीं मनोबल टूटता हुआ दिखाई दे रहा है। मजदूरों के मनोबल को मजबूत करने के लिए पश्चिम बंगाल रानीगंज ईसीएल के महाबीर कोलियरी में 1989 में घटी खान दुर्घटना में मौत को मात देने वाले मजदूर जगदीश कहार मीडिया के सामने आए हैं। उन्होंने साढ़े तीन सौ फिट गहरे कोयले की खान में फूटे पानी की एक सिम से मौत बनकर निकल रही पानी की लहरों और जहरीली गैस के बीच पांच दिनों तक फंसकर मौत को मात देकर बाहर आए थे।

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नहीं टूटा था मनोबल

जगदीश कहार ने जमीन के अंदर की उस खौफनाक मंजर को साझा करते हुए कहा कि वह जब कोयले की खदान मे फंसे थे तब शुरुआती दौर में उन्हे भी लगा था कि वह खदान से जीवित वापस नहीं लौटेंगे, उस दौरान उनमें से कोई मजदूर रोता तो कोई बचने के किए खदान में अजीबो-गरीब हरकतें करता… मानो वह पागल हो गया हो पर उस मुश्किल घड़ी में उन्होनें खदान के अंदर एक-दूसरे का हौंसला बुलंद किया।


उत्तरकाशी टनल में फंसे मजदूर घबड़ाए नहीं

जगदीश कहार खौफनाक मंजर को याद करते हुए कहते हैं कि उस दौरान हमने एक-दूसरे को समझाया और आंसू पोछे। उन्होंने कहा हमने एक बात की ही ठानी थी, अगर जिएंगे तो एक साथ और मरेंगे तो एक साथ। उनकी वही एकता उनको मौत को मात देने में बड़ा हथियार बनी और वह खदान से सुरक्षित वापस निकले। उन्होंने कहा कि उत्तरकाशी टनल मे फंसे मजदूर भी घबड़ाए नहीं, उनको रेसक्यू टीम टनल से जीवित बाहर निकालेगी। जगदीश ने कहा जब वह खदान मे फंसे थे तो उनसे भी कुछ इसी तरह सम्पर्क साधा गया था, उनको पाईप के जरिये खाने -पीनेका समान भेजा गया था, जैसा कि टनल मे फंसे मजदूरों को भेजा जा रहा है।

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कई तरह की कोशिशें जारी

आगे बातचीत में उन्होंने बताया कि जब वह सुरक्षित बाहर आ सकते हैं तो टनल मे फंसे मजदूर भी सुरक्षित बाहर आएंगे, जिसके लिए वह भगवान से प्रार्थना भी कर रहे हैं। यही नहीं रानीगंज खान दुर्घटना में ड्रिल कर मजदूरों से संपर्क साधने से लेकर उनको सुरक्षित बाहर निकालने तक खदान में ड्रिल करने वाले आरबी बंसल व संजय बंसल ने भी उत्तरकाशी टनल में फंसे मजदूरों को टनल से सुरक्षित बाहर निकालने के लिए की जा रही रेसक्यू टीम को अपनी सुझाव दिए हैं। हालांकि वहां की रेसक्यू टीम सीएमपीडी आईएल व कोल इंडिया से पहले सम्पर्क साधा। जिसके बाद कोल इंडिया ने आरबी बंसल और संजय बंसल से सम्पर्क साध उनकी टीम को वेटिंग में रखा है, पर समय -समय पर टीम सुझाव भी ले रही है, वह इसलिए कि टनल में भी ठीक उसी तरह मजदूर फंसे हैं, जिस तरह रानीगंज महाबीर कोलियरी में साढ़े तीन सौ गहरे कोयला खदान मे 65 मजदूर फंसे थे, जिनको खदान से बाहर निकालने के लिए उन्होंने देश की पहली सफल रेसक्यू की थी। इसमें एक कैप्सूल बनाकर खदान मे फंसे मजदूरों को एक-एक कर सुरक्षित बाहर निकाला गया था।

मजदूरों को खुद पर रखना होगा काबू

उन्होंने कहा, टनल से मजदूरों को बाहर निकालने के लिए एक से बढ़कर एक बड़ी-बड़ी कंपनियां टनल मे फंसे मजदूरों तक पहुंचने के लिए ड्रिल कर रेसक्यू कर रही हैं। हालांकि वह पहाड़ी इलाका है, जो काफी चैलेंनजिंग वाली जगह है, मसीनें एक जगह से दूसरे जगह पहुंचाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। जगदीश कहार का कहना है कि आशा ही नहीं पूर्ण विश्वास है कि जिस तरह रेसक्यू का कार्य चल रहा है, रेसक्यू सफल होगा और टनल में फंसे मजदूर भी सुरक्षित बाहर निकलेंगे, बस मजदूरों को खुद पर काबू रखना होगा, एक दूसरे का हौंसला बुलंद करना होगा, बाकि उनकी जरुरत के सामान तो उन तक पहुंच ही रहे हैं। इसलिए अब डरने की कोई बात नहीं है, उन्होंने कहा कि वह तैयार हैं जब भी उनको वहां से हरी झंडी मिलेगी, वह उत्तरकाशी के लिए रवाना हो जायेंगे, उन्होनें कहा कि उनकी एक टीम वहां पहले ही पहुंच चुकी है।

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Written By

Pratyaksh Mishra

First published on: Nov 22, 2023 10:24 PM

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