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अशोक खेमका कौन? 1991 बैच के IAS अधिकारी, 33 साल में 57 तबादले; अगले साल होंगे रिटायर

IAS Officer Ashok Khemka: आईएएस अधिकारी अशोक खेमका फिर चर्चा में हैं। अपनी 33 साल की सर्विस में उनके 57 तबादले हो चुके हैं। खेमका सिर्फ पांच महीने बाद रिटायर होने वाले हैं। अब उनको फिर हरियाणा में एक महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी गई है।

Edited By : Parmod chaudhary | Updated: Dec 9, 2024 16:12
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Ashok Khemka

Ashok Khemka: 1991 बैच के IAS अफसर अशोक खेमका को परिवहन विभाग में ACS नियुक्त किया गया है। उनकी सेवानिवृत्ति अगले साल अप्रैल में है। रिटायरमेंट से 5 महीने पहले खेमका को हरियाणा में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी गई है। खेमका अपनी 33 साल की सर्विस के दौरान 57 बार ट्रांसफर किए जा चुके हैं। इससे पहले उनके पास प्रिंटिंग और स्टेशनरी विभाग में अतिरिक्त मुख्य सचिव की जिम्मेदारी थी। खेमका को रविवार को नई नियुक्ति मिली है। इससे पहले एसीएस की जिम्मेदारी आईपीएस अधिकारी नवदीप विर्क के पास थी। खेमका की रिटायरमेंट 30 अप्रैल 2025 को है।

मनोहर लाल सरकार में मिली थी जिम्मेदारी

मनोहर लाल सरकार में उनको परिवहन आयुक्त की जिम्मेदारी दी गई थी। उस समय वे सिर्फ 4 महीने ही इस पद पर रहे थे। अब एक दशक बाद फिर उनकी परिवहन विभाग में वापसी हो रही है। परिवहन विभाग का जिम्मा इस समय अनिल विज के पास है। परिवहन आयुक्त के तौर पर उन्होंने बड़े ट्रेलरों के लिए फिटनेस प्रमाण पत्र जारी करने से इनकार कर दिया था। जिसके बाद ट्रक चालकों ने स्ट्राइक की थी।

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इसके बाद सरकार ने केंद्रीय मोटर वाहन नियम (CMVR) 1989 के अनुरूप व्हीकल्स को संशोधित करने के लिए एक वर्ष की समय सीमा लागू की थी। इसके बाद स्ट्राइक खत्म हुई थी। 10 साल पहले खेमका का एक ट्वीट चर्चा में रहा था। उन्होंने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा था कि भ्रष्टाचार को दूर करने और गंभीर सीमाओं और निहित हितों के बावजूद उन्होंने काम किया। परिवहन में सुधार लाने के लिए कड़ी मेहनत की। यह क्षण वास्तव में दर्दनाक है। खेमका ने तत्कालीन सीएम मनोहर लाल को भी लेटर लिखा था। जिसमें सतर्कता विभाग में भ्रष्टाचार दूर करने की बात कही थी।

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हर छह महीने में तबादला

23 जनवरी 2023 को खेमका ने लेटर में कहा था कि काम का अंसतुलित वितरण जनहित के लिए ठीक नहीं है। वे हमेशा भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में आगे रहे हैं। भ्रष्टाचार को जड़ से खत्म करना जरूरी है। इसलिए मैं सतर्कता विभाग में सेवाएं देने की पेशकश करता हूं। आपको भरोसा दिलाता हूं कि यह असली लड़ाई होगी। कोई कितना भी बड़ा ताकतवर क्यों न हो? दोषी पाए जाने पर किसी को भी नहीं बख्शा जाएगा। बता दें कि पिछले 12 साल में खेमका ऐसे विभागों में तैनात रहे हैं, जिन्हें ‘लो प्रोफाइल’ माना जाता है। पूरे करियर में औसतन हर 6 महीने में उनका तबादला होता रहा है। वे कई बार पदोन्नति को लेकर भी निराशा जाहिर कर चुके हैं।

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Edited By

Parmod chaudhary

First published on: Dec 09, 2024 04:12 PM

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