Student Bag Weight: कर्नाटक में छात्रों के स्कूल बैग के लिए राज्य सरकार ने 2019 का सर्कुलर दोबारा जारी किया है। सर्कुलर में पहले से जारी दिशा-निर्देशों का पालन करने का आग्रह किया गया है। स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग ने बुधवार को स्कूलों को 2019 सर्कुलर फिर से जारी किया और ब्लॉक स्तर के शिक्षा अधिकारियों से आदेश का सख्ती से पालन करने को कहा।
सर्कुलर के अनुसार, स्कूल बैग का अधिकतम वजन छात्र के वजन के 15 प्रतिशत से अधिक नहीं होना चाहिए। गाइडलाइन के मुताबिक, कक्षा 1-2 के बच्चों के बैग का वजन 1.5-2 किलो और कक्षा 3-5 के बच्चों के बैग का वजन 2-3 किलो होना चाहिए, जबकि कक्षा 6-8 के लिए 3-4 किलो और कक्षा 9-10 के लिए 4-5 किलो होना चाहिए। इसके अलावा, सर्कुलर में यह भी उल्लेख किया गया है कि स्कूलों को सप्ताह में एक बार ‘नो बैग डे’ मनाना चाहिए।
वीपी निरंजनराध्या समिति ने सुझाई थी सिफारिश
ये आदेश डॉ. वीपी निरंजनराध्या समिति की ओर से सुझाई गई सिफारिशों के आधार पर जारी किया गया था। स्कूल बैग के वजन के कारण स्कूली छात्रों के स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभाव का अध्ययन करने के लिए राज्य सरकार की ओर से समिति का गठन किया गया था। कई साल पहले गठित की गई समिति ने 2018-19 में अपनी अंतिम रिपोर्ट सौंपी थी।
2019 में जब समिति की ओर से अंतिम रिपोर्ट प्रस्तुत की गई, तो कर्नाटक सरकार ने एक आदेश जारी कर स्कूलों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि स्कूल बैग का वजन बच्चे के वजन के 10 प्रतिशत से अधिक न हो।
इस साल की शुरुआत में भारतीय मानक ब्यूरो ने घोषणा की थी कि वह एक मानक विकसित करेगा जो छात्रों के भारी स्कूल बैग की समस्या का समाधान करेगा। बच्चों के भारी स्कूल बैग को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में बीआईएस के महानिदेशक ने कहा कि संगठन इस पर शोध करेगा और जल्द ही इसके लिए एक मानक तैयार करेगा।