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क्या है धर्म चक्रवर्ती सम्मान, PM मोदी को जैन समाज ने इस उपाधि से क्यों नवाजा?

Dharma Chakravarti Award: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जैन समुदाय ने धर्म चक्रवर्ती अवार्ड से नवाजा है। आचार्य विद्यानंद जी महाराज के शताब्दी समारोह में उन्हें इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया। आइए जानते हैं कि यह अवार्ड खास क्यों है और प्रधानमंत्री मोदी को इस अवार्ड से क्यों नवाजा गया?

Author Written By: News24 हिंदी Author Edited By : Khushbu Goyal Updated: Jun 29, 2025 11:07
PM Narendra Modi | Jain Community | Jain Dharam Guru Vidyanand
जैन धर्मगुरु के शताब्दी समारोह में प्रधानमंत्री मोदी को उपाधि देकर सम्मानित किया गया।

What is Dharma Chakravarti Award: प्रधानमंत्री मोदी को शनिवार को जैन समाज ने ‘धर्म चक्रवर्ती’ की उपाधि देकर सम्मानित किया। जैन समाज के धर्मगुरु आचार्य श्री 1080 विद्यानंद जी महाराज की 100वीं जयंती पर उन्हें इस उपाधि से नवाजा दिया। प्रधानमंत्री मोदी ने 28 जून दिन शनिवार को विद्यानंद जी महाराज शताब्दी समारोह का आगाज किया। इस मौके पर आचार्य श्री 108 प्रज्ञा सागर जी महाराज की ओर से दी गई उपाधि को प्रधानमंत्री मोदी ने सहर्ष स्वीकार किया और कहा कि वे इस उपाधि के लिए सही चयन नहीं है, लेकिन भारतीय संस्कृति में प्रचलित है कि संत अपने हाथों से जो भी दें, उसे ‘प्रसाद’ मानकर ग्रहण करना चाहिए। इसलिए सहर्ष और विनम्रतापूर्वक इस ‘प्रसाद’ को स्वीकार करता हूं। साथ ही इस प्रसाद को मां भारती को समर्पित करता हूं।

 

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‘धर्म चक्रवर्ती’ की उपाधि क्या है?

बता दें कि ‘धर्म चक्रवर्ती’ का मतलब है, धर्म के चक्र को चलाने वाला महान मार्गदर्शक। जैन परंपरा के अनुसार, मान्यता है कि यह उपाधि उस शख्स की दी जाएगी, जो सत्य, अहिंसा की राह पर चलेगा और नैतिक मूल्यों का वैश्विक प्रचार-प्रसार करेगा। प्रधानमंत्री मोदी को यह सम्मान इसलिए दिया गया, क्योंकि उन्होंने भारत की आध्यात्मिक परंपरा को दुनियाभर के मंचों पर पहुंचाने का प्रयास किया। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जैन समाज और जैन धर्म के मूल्यों की प्रतिष्ठा बढ़ाई। भारतीय और जैन समाज की नैतिकता के निर्माण की दिशा में योगदान दिया। देश और विभिन्न धर्मों के विकास में प्रधानमंत्री मोदी को योगदान को ध्यान में रखकर ही उन्हें जैन समाज ने ‘धर्म चक्रवर्ती’ की उपाधि से नवाजा।

 

गृह मंत्रालय ने जारी किया बयान

देश के गृह मंत्रालय की ओर से बयान जारी करके प्रधामनंत्री मोदी को ‘धर्म चक्रवर्ती’ की उपाधि मिलने की पुष्टि की गई। मंत्रालय की ओर से बताया गया कि शताब्दी समारोह में केंद्रीय संस्कृति और पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, राष्ट्रसंत परम्पराचार्य प्रज्ञासागर मुनिराज सहित कई गणमान्य व्यक्ति, सांसद, जैन आचार्य शामिल हुए। समारोह में आचार्य श्री 108 विद्यानंद जी महाराज का जीवन और विरासत नामक प्रदर्शनी का प्रधानमंत्री मोदी ने दौरा किया। विद्यानंद जी महाराज की जीवनी के साथ-साथ स्मारक डाक टिकट और सिक्का भी जारी किया गया। शताब्दी समारोह 22 अप्रैल 2026 तक चलेगा। संस्कृति मंत्रालय और भगवान महावीर अहिंसा भारती ट्रस्ट द्वारा संयुक्त रूप से इस समारोह का आयोजन किया जा रहा है।

कौन थे आचार्य विद्यानंद महाराज?

आचार्य विद्यानंद का जन्म 22 अप्रैल 1925 को कर्नाटक के शेदबल बेलगावी में हुआ था। बेहद कम उम्र में वे जैन समाज का हिस्सा बन गए थे और मठ में रहकर दीक्षा लेने लगे थे। वे विपुल जैन विद्वानों में शामिल थे। उन्हें 8000 से ज्यादा छंद याद थे। उन्होंने 50 से अधिक ग्रंथों की रचना की थी। उन्हें कई सालों तक पूरे भारत में नंगे पांव भ्रमण किया। दिल्ली, वैशाली, इंदौर में प्राचीन जैन मंदिरों का जीर्णोद्धार कराया। 28 जून 1987 को उन्हें ‘आचार्य’ की उपाधि देकर सम्मानित किया गया था।

First published on: Jun 29, 2025 11:03 AM

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