नई दिल्ली: किसान परिवार से आने वाले जगदीप धनखड़ देश के 14वें उपराष्ट्रपति के तौर पर शपथ ले ली है। देश के 13वें उपराष्ट्रपति वेंकैया नाडयू का कार्यकाल 10 अगस्त को खत्म हो गया था। राजस्थान के झुझुनूं जिले के रहने वाले जगदीप धनखड़ ने अपनी स्कूली शिक्षा सैनिक स्कूल, चित्तौड़गढ़ से पूरी की थी। फिजिक्स में ग्रैजुएशन के बाद उन्होंने राजस्थान विश्वविद्यालय से एलएलबी की उपाधि ली थी।
1988 तक जगदीप धनखड़ देश के मशहूर वकीलों में शामिल हो गए थे। 1990 में राजस्थान हाई कोर्ट में धनखड़ सीनियर वकील बने। इसके बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से लेकर देश के कई राज्यों के हाई कोर्ट में प्रैक्टिस की। उन्होंने राजस्थान में जाट समुदाय को अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) का दर्जा दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
30 साल का है धनखड़ का राजनीतिक करियर
30 साल के राजनीतिक करियर में धनखड़ देश के उपराष्ट्रपति पद तक का सफर तय कर लिया है। साल 1989 में वे सक्रिय राजनीति में आए थे। 1989 में ही अपने गृह क्षेत्र झुझुनूं से जनता दल के टिकट पर पहली बार लोकसभा चुनाव जीता था। इसके बाद 1990 में उन्हें केंद्रीय मंत्री बनाया गया था। इसके अलावा धनखड़ ने राजस्थान की राजनीति में हाथ आजमाया है। वे 1993 से 1998 तक अजमेर जिले के किशनगढ़ से विधायक भी रहे हैं। उपराष्ट्रपति बनने से पहले वह जुलाई 2019 में पश्चिम बंगाल के राज्यपाल बने थे।
मार्गरेट अल्वा को बड़े अंतर से हराया था
छह अगस्त को हुए उपराष्ट्रपति चुनाव में जगदीप धनखड़ ने विपक्ष की मार्गरेट अल्वा को बड़े अंतर से हराया था। अल्वा को कुल 182 वोट जबकि जगदीप धनखड़ को कुल 528 वोट मिले थे। उपराष्ट्रपति चुनाव में कुल 725 वोट डाले गए थे। इनमें 710 वोट वैध पाए गए. जबकि 15 वोट इनवैलिड मिले थे।