NDA सरकार आज लोकसभा में मनरेगा को खत्म करके नया बिल ‘वीबी-जी राम जी’ पेश कर सकती है. इस बिल की कॉपियां सोमवार को ही लोकसभा सांसदों को बांट दी गई थीं. रिपोर्ट्स के मुताबिक, केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान इस बिल को पेश करेंगे. इस बिल को लेकर संसद में हंगामे के आसार हैं. क्योंकि विपक्ष का कहना है कि इस स्कीम से महात्मा गांधी का नाम क्यों हटाया जा रहा है. नए बिल में सरकार ने कई नए प्रावधान भी किए गए हैं.
क्या होंगे नए प्रावधान
- इस स्कीम का खर्च केंद्र और राज्य सरकार दोनों उठाएंगी.
- काम के दिन बढ़ाकर 100 से 125 दिन किए जाएंगे
- खेती के पीक सीजन में स्कीम के काम को रोका जा सकता है.
- 15 दिन की जगह हर सप्ताह पेमेंट की जाएगी
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हंगामे के आसार
भाजपा ने अपने सांसदों के लिए सोमवार को व्हिप जारी किया था. भाजपा ने कहा था कि सभी सांसद 15 से 20 दिसंबर तक संसद में जरूर रहें. इसी बीच सरकार के नए बिल पर सदन में हंगामे के आसार साफ दिख रहे हैं. विपक्ष का एतराज, स्कीम से महात्मा गांधी का नाम हटाने पर है. कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी से जब इस बिल के बारे में मीडिया ने सवाल किया था तो उन्होंने कहा कि स्कीम के नाम से महात्मा गांधी का नाम क्यों हटाया जा रहा है. उन्होंने पूछा कि ना केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया के इतने बड़े नेता का नाम हटाने के पीछे सरकार का क्या मकसद है.
साथ ही उन्होंने कहा कि किसी स्कीम का नाम बदलने पर बहुत पैसा खर्च होता है, तो इसका क्या फायदा है.
क्या बोले कांग्रेस नेता?
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ‘यह केवल महात्मा गांधी नरेगा के नाम बदलने की बात नहीं है. यह BJP-RSS की MGNREGA को खत्म करने की साजिश है. संघ के सौ साल पर गांधी का नाम मिटाना ये दिखाता है कि जो मोदी जी विदेशी धरती पर बापू को फूल चढ़ाते हैं, वो कितने खोखले और दिखावटी हैं. जो सरकार गरीब के हक से चिढ़ती हो, वही मनरेगा पर वार करती है. इस अहंकारी सत्ता का कोई भी ऐसा निर्णय जो गरीब और मजदूर विरोधी होगा, ऐसे प्रावधान के खिलाफ कांग्रेस पार्टी संसद और सड़क पर, उसका पुरज़ोर विरोध करेगी. करोड़ों गरीब, मजदूरों और कामगारों के हकों को हम सत्ता के हाथों छिनने नहीं देगें.’
यह केवल महात्मा गाँधी नरेगा के नाम बदलने की बात नहीं है। यह BJP-RSS की MGNREGA को ख़त्म करनी साज़िश है।
— Mallikarjun Kharge (@kharge) December 15, 2025
संघ के सौ साल पर गाँधी का नाम मिटाना ये दिखाता है कि जो मोदी जी विदेशी धरती पर बापू को फूल चढ़ाते हैं, वो कितने खोखले और दिखावटी हैं।
जो सरकार ग़रीब के हक़ से चिढ़ती हो,…
वहीं, कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा है, ‘सरकार के नए G-RAM-G बिल में MGNREGA का नाम बदलने पर विवाद दुर्भाग्यपूर्ण है. ग्राम स्वराज का कॉन्सेप्ट और राम राज्य का आदर्श कभी भी एक-दूसरे के विरोधी नहीं थे, ये गांधीजी की सोच के दो स्तंभ थे. गांव के गरीबों की स्कीम से महात्मा गांधी का नाम हटाना इस तालमेल को खत्म करता है. उनकी आखिरी सांस ‘राम’ नाम की थी. ऐसे में हमें इसका बंटवारा करके उनकी विरासत का अपमान नहीं करना चाहिए, जिन्हें वो अलग मानते ही नहीं थे.’
The controversy over renaming MGNREGA in the Govt's proposed new G-RAM-G Bill is unfortunate. The concept of Gram Swaraj and the ideal of Ram Rajya were never competing forces; they were the twin pillars of Gandhiji’s consciousness. Replacing the Mahatma’s name in a scheme for…
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) December 15, 2025
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने एक्स पर लिखा, ‘समूचा विपक्ष इस बात की मांग कर रहा है कि नीचे दिए गए तीन दूरगामी प्रभाव वाले विधेयकों को संबंधित स्थायी समिति के पास भेजा जाए. हमें उम्मीद है कि संसदीय परंपराओं और प्रथाओं के अनुरूप सरकार इस मांग को स्वीकार करेगी. इन विधेयकों के लिए गहन अध्ययन और व्यापक परामर्श आवश्यक हैं. ये विधेयक हैं, उच्च शिक्षा आयोग विधेयक, परमाणु ऊर्जा विधेयक, G-RAM-G विधेयक.
समूचा विपक्ष इस बात की माँग कर रहा है कि नीचे दिए गए तीन दूरगामी प्रभाव वाले विधेयकों को संबंधित स्थायी समिति के पास भेजा जाए। हमें उम्मीद है कि संसदीय परंपराओं और प्रथाओं के अनुरूप सरकार इस माँग को स्वीकार करेगी। इन विधेयकों के लिए गहन अध्ययन और व्यापक परामर्श आवश्यक हैं।
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) December 15, 2025
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