US Deportation: अमेरिका से अवैध प्रवासियों को वापस भेजने का सिलसिला जारी है। एक जत्था 5 फरवरी को अमृतसर एयरपोर्ट पर पहुंचा था, तो दूसरा जत्था 15 फरवरी को अमृतसर पहुचा। इंडियंस को ऐसे भारत में डिपोर्ट किया जा रहा है जैसे उन्होंने कोई बहुत बड़ा गुनाह कर दिया हो। इससे पहले भी आए लोगों ने बताया कि उनके साथ कैसा व्यवहार किया गया था। वही हाल इस बार भी रहा। भारत से लोग अपनी जमीन-जायदाद बेचकर डंकी रूट से अमेरिका गए थे। सिख समुदाय (Sikh Deportees) के लोगों के साथ हुई तो इतना बुरा सलुक किया गया कि अब इस मामले में शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) ने अमेरिकी प्रशासन की कड़ी निंदा की है।
बेड़ियों में बांधकर लाया गया
इंडिया टुडे टीवी में छपी रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका से भारत में डिपोर्ट किए गए अवैध प्रवासियों के साथ बहुत ही गंदा व्यवहार किया गया। उन्हें हथकड़ियों से बांधकर इंडिया डिपोर्ट किया गया। ऐसा तो किसी मर्डरर के साथ भी नहीं किया जाता। डिपोर्ट हुए लोगों ने बताया कि उनके हाथों में हथकड़ियां थीं और पैरों में बेड़ियां। जब वो इंडिया पहुंचे तो उन्हें बेड़ी मुक्त किया गया। हालांकि महिलाओं और बच्चों को नहीं रोका गया लेकिन पुरुषों की हालत काफी दयनीय थी।
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सिखों के सिर पर नहीं थी पगड़ी
रिपोर्ट में बताया गया कि अमेरिका से डिपोर्ट हुए अवैध प्रवासियों के साथ बदसलूकी की गई। सिख समुदाय के गैर-प्रवासियों को पगड़ी भी नहीं डालने दी। ऐसे में ये एक धर्म की निंदा करने के समान है। बताया गया कि अमेरिकी अधिकारियों ने सिख लोगों को पगड़ी तक नहीं पहनने दी। ऐसे में शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) ने इस कृत्य के लिए अमेरिकी प्रशासन की कड़ी निंदा की है। डिपोर्ट हुए सिखों ने बताया कि जब वो अमेरिका में डंकी रूट से एंट्री कर रहे थे तो उनसे उनकी पगड़ी उतरवा दी। दावा किया जा रहा है कि दिल्ली एयरपोर्ट पर भी कई सिखों को बिना पगड़ी के देखा गया।
ਭਾਰਤੀ ਡਿਪੋਰਟੀਆਂ, ਖਾਸਕਰ ਪੰਜਾਬੀਆਂ ਨੂੰ SGPC ਨੇ ਸਹਿਯੋਗ ਦੇਣ ਦਾ ਕੀਤਾ ਐਲਾਨ- ਭਾਈ ਗੁਰਚਰਨ ਸਿੰਘ ਗਰੇਵਾਲ pic.twitter.com/u5RbsEXEXK
— Shiromani Gurdwara Parbandhak Committee (@SGPCAmritsar) February 15, 2025
SGPC के महासचिव गुरचरण सिंह ग्रेवाल ने की निंदा
सिक्खों के साथ हुए दुर्व्यवहार की वजह से भारत में सिख समुदाय में रोष देखा जा रहा है। SGPC के महासचिव गुरचरण सिंह ग्रेवाल (Gurcharan Singh Grewal) ने भी चुप्पी तोड़ते हुए अमेरिकी अधिकारियों की कड़ी निंदा की है। उन्होंने कहा की सिक्खों को पगड़ी नहीं पहनने दी, जो धर्म का अपमान है। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे को वो जल्द ही अमेरिकी अधिकारियों के सामने उठाएंगे, क्योंकि पगड़ी सिखों की पहचान है। समाचार एजेंसी पीटीआई ने सूत्रों के हवाले से बताया कि दूसरे अमेरिकी विमान से वापस भेजे गए अधिकांश व्यक्ति 18 से 30 वर्ष की आयु के थे।
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